आयुर्वेद में सरसों के तेल को औषधि माना गया है आइए जानते हैं इसके हैरतगंज फायदे

खबर शेयर करें

Mustard oil is considered a medicine in Ayurveda, let’s know its amazing benefits

समाचार सच, स्वास्थ्य डेस्क। हम सभी के घरों में सब्जी बनाने या फिर नॉन-वेज बनाने में सरसों के तेल का इस्तेमाल मुख्य रूप से किया जाता है। कुछ जगहों पर इसे कड़वा तेल के नाम से भी जाना जाता है।

सरसों का तेल सेहत और सुंदरता दोनों के ही लिए बहुत फायदेमंद है। सरसों के तेल में कई ऐसे तत्व पाए जाते हैं जो दर्दनाशक का काम करते हैं। जोड़ों का दर्द हो या फिर कान का दर्द, सरसों का तेल एक औषधि की तरह काम करता है।

आमतौर पर लोग इसे सिर्फ तेल समझकर ही इस्तेमाल करते हैं पर आपको जानकर आश्चर्य होगा कि आयुर्वेद में इसे औषधि की श्रेणी में रखा गया है। सरसों के तेल के ये फायदे आपको हैरान कर देंगे।

यह भी पढ़ें -   आपके पास भी केवल एक हफ्ता बचा है, तो चिंता न करें क्योंकि हमारे पास है आपके लिए एक परफेक्ट प्लान रेडी है

दर्दनाशक के रूप में
जोड़ों के दर्द में सरसों के तेल की मालिश करना बहुत फायदेमंद होता है। इसके अलावा सरसों के तेल के सेवन से अंदरुनी दर्द में भी आराम मिलता है।

त्वचा के लिए फायदेमंद
सरसों का तेल त्वचा के लिए बहुत फायदेमंद है। इसमें विटामिन ई की पर्याप्त मात्रा में पाया जाता है। इसके सेवन से त्वचा को अंदरुनी पोषण तो मिलता है ही साथ ही इसे चेहरे पर लगाने से त्वचा की नमी भी बनी रहती है।

भूख बढ़ाने में मददगार
अगर आपको भूख नहीं लगती है और इसके चलते आपका स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है तो सरसों का तेल आपके लिए खासतौर पर फायदेमंद रहेगा। ये तेल हमारे पेट में ऐपिटाइजर के रूप में काम करता है जिससे भूख बढ़ती है।

वजन घटाने में मददगार
सरसों के तेल में मौजूद विटामिन जैसे थियामाइन, फोलेट व नियासिन शरीर के मेटाबाल्जिम को बढ़ाते हैं जिससे वजन घटाने में मदद मिलती है।

यह भी पढ़ें -   असरदार टिप्स जो आपकी त्वचा को इस व्यस्त समय में भी हेल्दी, ग्लोइंग और सुरक्षित बनाए रखेंगे

अस्थमा की रोकथाम
अस्थमा से पीड़ित लोगों के लिए सरसों का तेल खासतौर पर फायदेमंद होता है। सरसों में पर्याप्त मात्रा में मैग्नीशियम पाया जाता है, जो अस्थमा के मरीजों के लिए खासतौर पर फायदेमंद है। सर्दी हो जाने पर भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।

दांत दर्द में फायदेमंद
अगर आपके दांतों में दर्द है तो सरसों के तेल में नमक मिलाकर मसूड़ों पर हल्की मालिश करें। ऐसा करने से दांतों का दर्द दूर हो जाएगा और दांत भी मजबूत बनेंगे।

रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए
सरसों का तेल शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का काम करता है. शरीर की अंदरुनी कमजोरी को दूर करने के लिए सरसों के तेल का नियमित सेवन करें। इससे मालिश करना भी फायदेमंद रहेगा।

Ad

सबसे पहले ख़बरें पाने के लिए -

👉 हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें

👉 फेसबुक पर जुड़ने हेतु पेज़ लाइक करें

👉 यूट्यूब चैनल सबस्क्राइब करें

हमसे संपर्क करने/विज्ञापन देने हेतु संपर्क करें - +91 70170 85440