जय शारदा जनकल्याण समिति के प्रकल्प ने शुरू की नई पहल, 14 जुलाई से दिव्यांग बालिकाओं के लिए भी सेवा का शुभारंभ

समाचार सच, हल्द्वानी। वो बच्चे, जो अब तक समाज की भीड़ में खोए हुए थे। जिनके पास न आवाज थी, न सहारा… लेकिन अब उनकी जिंदगी में उम्मीद की एक किरण जली है – ‘सेवालय’ के रूप में।


2014 से समाज सेवा में सक्रिय जय शारदा जनकल्याण समिति के बैनर तले हाल ही में ‘सेवालय’ नामक एक नया प्रकल्प शुरू किया गया है, जिसका मकसद है – आर्थिक रूप से कमजोर, संसाधनविहीन और विशेष रूप से दिव्यांग बच्चों के जीवन में उजाला लाना।
इस पुनीत कार्य की शुरुआत की है श्रीमती नीमा बिष्ट और रोहित जोशी ने। सेवालय उन बच्चों पर काम कर रहा है जो या तो दृष्टिबाधित हैं, मानसिक रूप से विशेष हैं या मूकबधिर हैं – और जो आज भी समाज की मुख्यधारा से कोसों दूर हैं।
सेवालय की सोच – आत्मनिर्भर भारत के लिए आत्मनिर्भर बच्चे
सेवालय के मुख्य संचालक रोहित जोशी ने शनिवार को प्रेस को संबोधित करते हुए बताया कि यह संस्था न सिर्फ बच्चों को पढ़ाई और रोजगारपरक प्रशिक्षण दे रही है, बल्कि उन्हें मानसिक और आध्यात्मिक रूप से भी मज़बूत बना रही है। यहां बच्चों को रहना, खाना, चिकित्सा और आत्मनिर्भर बनने की दिशा में हर जरूरी सहयोग निःशुल्क दिया जाता है।
18 बच्चों से शुरू हुआ सफर, अब लड़कियों के लिए भी खुलेगा दरवाज़ा
रोहित जोशी ने बताया कि वर्तमान में सेवालय में 18 विशेष बालक रह रहे हैं, जिनमें 2 दृष्टिबाधित, 3 मानसिक दिव्यांग और 13 मूकबधिर हैं। अब 14 जुलाई 2025 से सेवालय दिव्यांग बालिकाओं के लिए भी कार्य शुरू करने जा रहा है।
उन्होंने बताया कि संस्था की योजना है कि आने वाले दो वर्षों में कम से कम 100 बच्चों (50 लड़के और 50 लड़कियां) को सेवा और सशक्तिकरण की दिशा में आगे बढ़ाया जाए।
सरकारी मदद नहीं, फिर भी मजबूत हौसले
रोहित जोशी ने बताया कि संस्था को अभी किसी भी प्रकार की सरकारी या निजी संस्था से वित्तीय मदद नहीं मिल रही है, लेकिन बच्चों की मुस्कान और सेवा की भावना ही इसकी असली ताकत है। सीमित संसाधनों के बावजूद संस्थापक और टीम दिन-रात इन बच्चों के लिए प्रयासरत हैं।
अध्यक्ष भावना जोशी ने बताया कि हम बस यह चाहते हैं कि जिन बच्चों ने अब तक कोई सपना नहीं देखा, अब वो भी सपने देखें और उन्हें साकार करें।
वार्ता में मुख्य रूप से संस्था की उपाध्यक्ष अनुप्रिया भट्ट, सचिव यामिनी बिष्ट, कोषाध्यक्ष प्रियांशी भट्ट, उपसचिव गीता कार्की व निर्मल पंत मौजूद रहीं।


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