समाचार सच, हल्द्वानी। उत्तराखंड में निकाय चुनाव की तारीखें नजदीक आने के साथ ही हल्द्वानी नगर निगम चुनावों में विवादों का दौर शुरू हो गया है। 23 जनवरी को होने वाले मतदान से पहले हल्द्वानी में दो पार्षद प्रत्याशियों के खिलाफ शपथ पत्र में जानकारी छिपाने के आरोप में कार्रवाई की प्रक्रिया शुरू हो गई है।
शपथ पत्र में अहम जानकारी छिपाने का आरोप
रिटर्निंग ऑफिसर परितोष वर्मा के अनुसार, नामांकन के दौरान इन प्रत्याशियों ने अपने शपथ पत्र में अपने खिलाफ दर्ज मुकदमों और सजा से संबंधित मामलों को छिपाया। इनमें ऐसे मुकदमे शामिल हैं जिनमें 2 साल से कम की सजा का प्रावधान है। इसे चुनावी प्रक्रिया और कानून का उल्लंघन माना जा रहा है।
रिटर्निंग ऑफिसर ने दी तहरीर
मामले की गंभीरता को देखते हुए रिटर्निंग ऑफिसर ने हल्द्वानी कोतवाली में तहरीर दी है और जांच के निर्देश दिए हैं। वर्मा ने कहा कि जांच पूरी होने के बाद यह तय किया जाएगा कि इन दोनों प्रत्याशियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया जाए या अन्य विधिक कार्रवाई की जाए। उन्होंने स्पष्ट किया कि चुनाव में पारदर्शिता बनाए रखना प्राथमिकता है और ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जाएगी।
कानून और चुनावी प्रक्रिया का उल्लंघन
जानकारों के मुताबिक, शपथ पत्र में जानकारी छुपाना न केवल कानून का उल्लंघन है, बल्कि चुनावी प्रक्रिया की पवित्रता को भी प्रभावित करता है। ऐसे में यदि आरोप सही पाए जाते हैं, तो संबंधित प्रत्याशियों को न केवल कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है, बल्कि उनका चुनाव भी रद्द किया जा सकता है।
राजनीतिक सरगर्मी तेज
चुनावी तारीख नजदीक आने के साथ हल्द्वानी में राजनीतिक माहौल गरमा गया है। प्रत्याशी मतदाताओं को रिझाने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं। वहीं, इस घटना ने चुनावी मैदान में एक नया मोड़ ला दिया है, जिससे राजनीतिक गलियारों में चर्चा तेज हो गई है।
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