समाचार सच, देहरादून। उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 की राह में बड़ा कानूनी पेंच फंस गया है। नैनीताल हाईकोर्ट ने पंचायत चुनावों पर फिलहाल रोक लगा दी है। वजह है – आरक्षण नियमावली का गजट नोटिफिकेशन अब तक जारी न होना।


दरअसल, पंचायती राज विभाग द्वारा जारी आरक्षण रोस्टर को लेकर चार याचिकाकर्ताओं ने हाईकोर्ट का रुख किया था। कोर्ट ने सुनवाई में पाया कि आरक्षण नियम बिना गजट नोटिफिकेशन के जारी हुए हैं, जो नियमों का उल्लंघन है। इसी आधार पर कोर्ट ने आरक्षण प्रक्रिया पर स्टे दे दिया, जिससे पूरी चुनाव प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो गए हैं।
पंचायती राज सचिव चंद्रेश यादव ने बताया कि आज ही रुड़की प्रेस से गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया जाएगा और 24 जून को कोर्ट में पुनः आवेदन कर स्टे हटवाने की कोशिश की जाएगी।
उधर, राज्य निर्वाचन आयुक्त सुशील कुमार ने कहा कि आयोग को कोर्ट का कोई औपचारिक आदेश अब तक नहीं मिला है। जैसे ही आदेश की कॉपी मिलती है, उसकी भाषा और सीमाओं का अध्ययन कर आगे की प्रक्रिया तय की जाएगी।
उन्होंने साफ किया कि राज्य में इस वक्त चुनावी आचार संहिता लागू है, जिसे केवल राज्य निर्वाचन आयोग ही वापस ले सकता है – कोर्ट नहीं।
क्या चुनाव टलेंगे?
इस सवाल पर उन्होंने कहा कि अगर आरक्षण पर कोर्ट का हस्तक्षेप जारी रहा, तो चुनाव की प्रक्रिया निश्चित रूप से प्रभावित होगी। परंतु यह सब कोर्ट के अंतिम आदेश और उसकी व्याख्या पर निर्भर करेगा।
कुल मिलाकर, आरक्षण की फाइल फंसी, तो नेताजी की उम्मीदों पर ब्रेक लग गया। अब सबकी निगाहें कोर्ट के अगले फैसले पर टिकी हैं।




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