आषाढ़ माह: इस महीने में पूजा पाठ के साथ खान – पान का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए

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समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। हिन्दी पंचांग का चौथा महीना आषाढ़ शुरू हो गया है। ये महीना 13 जुलाई तक रहेगा। आषाढ़ में गुप्त नवरात्रि 30 जून से 8 जुलाई तक, भड़ली नवमी 8 जुलाई को, देवशयनी एकादशी 10 जुलाई को, गुरु पूर्णिमा 13 जुलाई को रहेगी। इन महीने में पूजा-पाठ के साथ ही खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा से जानिए आषाढ़ मास की 9 खास बातें…

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  • इस महीने में सूर्य पूजा का विशेष महत्व है। रोज सुबह सूर्याेदय से पहले उठकर सूर्य को अर्घ्य देना चाहिए। इसके लिए तांबे के लोटे का उपयोग करें और लोटे से गिरती हुई जल की धारा से सूर्य देव के दर्शन करें।
  • इस महीने से वर्षा ऋतु की शुरुआत हो जाती है। इस कारण खेती से जुड़े काम करने वाले लोगों के लिए आषाढ़ बहुत खास होता है। किसानों इन दिनों नई फसल के बीज बोने की तैयारी करते हैं।
  • बारिश की वजह से हमारी पाचन शक्ति प्रभावित होती है। इस कारण इन दिनों में खान-पान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। इस संबंध में की गई लापरवाही की वजह से स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं। अधिक तेल-मसाले वाली और ऐसी चीजें खाने से बचें, जिन्हें पचने में अधिक समय लगता है।
  • आषाढ़ मास में दान-पुण्य करने की विशेष परंपरा है। इस महीने में छाते का दान खासतौर पर करना चाहिए। बारिश की वजह से काफी लोगों का काम प्रभावित होता है। ऐसी स्थिति में जरूरतमंद लोगों को धन और अनाज का दान जरूर करें।
  • इस महीने में देवशयनी एकादशी आती है, इस तिथि से भगवान विष्णु का विश्राम शुरू होता है। इसके बाद से सभी तरह के मांगलिक और शुभ काम के मुहूर्त बंद हो जाते हैं। अगर कोई शुभ काम करना चाहते हैं तो भड़ली नवमी से पहले करने की योजना बना सकते हैं।
  • आषाढ़ मास में देवी मां दस महाविद्याओं की साधना के लिए खास गुप्त नवरात्रि भी आएगी। इन दिनों में देवी मां के लिए भक्त कठिन साधनाएं करते हैं।
  • आषाढ़ मास की अंतिम तिथि गुरु पूर्णिमा होती है। इस तिथि पर अपने गुरु के दर्शन करना चाहिए और उनसे आशीर्वाद लेना चाहिए।
  • इन दिनों में घर में साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। बारिश की वजह से घर में सीलन हो रही हो तो उसे ठीक करा लेना चाहिए, अन्यथा आने वाले दिनों में बारिश बढ़ने से घर की दीवारों को ज्यादा नुकसान हो सकता है।
  • आषाढ़ मास में शिव जी और विष्णु जी की भी पूजा खासतौर पर करनी चाहिए। रोज सुबह भगवान का जल और दूध से अभिषेक करना चाहिए।

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