समाचार सच, उत्तरकाशी। उत्तराखंड में मानसून की एंट्री के साथ ही तबाही की तस्वीरें सामने आने लगी हैं। उत्तरकाशी जिले में बादल फटने की घटना से अफरा-तफरी मच गई, वहीं राज्य के कई अन्य हिस्सों में नदी-नाले उफान पर हैं। लगातार हो रही बारिश के कारण कई सड़कें बंद हो गई हैं। हालात को देखते हुए मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है।


भारी बारिश के इस दौर में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचे और वहां से पूरे प्रदेश की स्थिति की जानकारी ली। उन्होंने अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि सभी जिलों में प्रशासन सतर्क मोड में रहे और संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष निगरानी रखी जाए।
सीएम धामी ने उत्तरकाशी में बादल फटने के बाद चल रहे राहत एवं बचाव कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि आपदा की स्थिति में लोगों की सुरक्षा को सर्वाेपरि रखा जाए और पर्यटकों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जाए। साथ ही यह भी सुनिश्चित किया जाए कि बंद पड़े मार्गों को यथाशीघ्र खोला जाए।
जानकारी के मुताबिक यमुनोत्री हाईवे पर भूस्खलन के चलते मार्ग अवरुद्ध हो गया है, जिसे खोलने के लिए पांच जेसीबी मशीनें लगी हुई हैं। गंगोत्री नेशनल हाईवे पर भी कुछ हिस्सों में मलबा आने से रास्ता बंद हुआ था, जिसे बाद में खोल दिया गया। फिलहाल चारधाम यात्रा को अस्थायी रूप से रोक दिया गया है।
उत्तरकाशी जिले में ही सात ग्रामीण मोटर मार्ग भी भूस्खलन की वजह से बंद हो गए हैं, जिनको खोलने के प्रयास तेजी से चल रहे हैं। सीएम ने स्पष्ट किया है कि कोई भी कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी और लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाना प्रशासन की पहली प्राथमिकता होनी चाहिए।
उत्तराखंड में मानसून ने दस्तक देते ही आफत ला दी है। भारी बारिश और बादल फटने की घटनाओं के बीच प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में है। मुख्यमंत्री खुद हालात की निगरानी कर रहे हैं और राहत कार्यों को प्राथमिकता देने के निर्देश दे चुके हैं।




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