समाचार सच, हल्द्वानी/नैनीताल। हल्द्वानी के चर्चित बनभूलपुरा उपद्रव प्रकरण में कथित मुख्य साजिशकर्ता अब्दुल मलिक को सोमवार को नैनीताल हाईकोर्ट से राहत नहीं मिल सकी। अदालत ने उनकी जमानत याचिका खारिज करते हुए राज्य सरकार से उनके खिलाफ लगाए गए आरोपों का विस्तृत विवरण पेश करने को कहा है। हालांकि, मामले में शामिल तीन अन्य आरोपियोंकृदानिश मलिक, जुनैद और अयाज अहमदकृको कोर्ट ने जमानत दे दी है।
वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ के समक्ष बनभूलपुरा उपद्रव से जुड़े कुल 16 प्रकरणों की सुनवाई हुई। इनमें हल्द्वानी नगर निगम के पूर्व पार्षद जीशान परवेज उर्फ सेबू की जमानत याचिका भी शामिल थी, जिसे अदालत ने अस्वीकार कर दिया। सभी मामलों पर दो सप्ताह बाद पुनः सुनवाई होगी।
अब्दुल मलिक की ओर से दलील दी गई कि वह निर्दाेष हैं और उपद्रव की घटना के समय मौके पर मौजूद भी नहीं थे। उनकी ओर से कहा गया कि उनके खिलाफ कोई ठोस सबूत उपलब्ध नहीं है, साथ ही वह वरिष्ठ नागरिक हैं और पिछले वर्ष फरवरी से न्यायिक हिरासत में हैं।
वहीं, सरकार की ओर से जमानत का जोरदार विरोध किया गया। सरकारी पक्ष ने तर्क रखा कि अब्दुल मलिक ही पूरे उपद्रव का मुख्य योजनाकार है। आरोप है कि उन्होंने सरकारी भूमि पर अवैध कब्जा किया था और जब प्रशासन अतिक्रमण हटाने पहुंचा, तो उनकी ओर से टीम पर जानलेवा हमला किया गया। कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया कि वे आरोपी पर लगे सभी आरोपों का संपूर्ण ब्यौरा अदालत में प्रस्तुत करें।
गौरतलब है कि बनभूलपुरा में पिछले वर्ष फरवरी में अतिक्रमण हटाने गई टीम पर हुए हमले के बाद भीषण उपद्रव भड़क गया था। उपद्रवियों ने पुलिस, पत्रकारों और नगर निगम कर्मचारियों पर हमला किया था। क्षेत्र में भारी पथराव, आगजनी, वाहनों में तोड़फोड़ और पुलिस थाने को आग के हवाले किए जाने जैसी घटनाएँ सामने आई थीं। स्थिति नियंत्रण से बाहर होने पर इलाके में कर्फ्यू लगाना पड़ा था।

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