समाचार सच, देहरादून। उत्तराखंड सरकार ने राज्यभर के वाहन स्वामियों को बड़ी राहत देते हुए 15 साल पुराने कमर्शियल वाहनों की फिटनेस फीस में की गई वृद्धि को एक वर्ष के लिए स्थगित कर दिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के निर्देश पर परिवहन विभाग ने यह फैसला लिया, जिसकी अधिसूचना परिवहन सचिव बृजेश संत द्वारा जारी कर दी गई है।
परिवहन विभाग की अधिसूचना के अनुसार, केंद्र सरकार ने 15 वर्ष से अधिक पुराने वाहनों की फिटनेस टेस्ट फीस में संशोधन किया था, जिसे अब उत्तराखंड सरकार ने 21 नवंबर 2026 तक लागू न करने का निर्णय लिया है।
इस अवधि में -पुरानी यथावत फीस व्यवस्था ही लागू रहेगी। -एक वर्ष बाद केंद्र द्वारा संशोधित फीस ही देय होगी।
यह फैसला मोटरयान अधिनियम 1988 और केंद्रीय मोटरयान नियमावली 1989 के अंतर्गत राज्य को प्राप्त शक्तियों के तहत लिया गया है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि केंद्र द्वारा फिटनेस फीस में करीब 10 गुना तक वृद्धि की गई थी, जिसे देखते हुए राज्य सरकार ने आम जनता की आर्थिक स्थिति को प्राथमिकता दी।
सीएम ने कहा कि हम नहीं चाहते कि वाहन स्वामी, टैक्सी चालक और परिवहन व्यवसाय से जुड़े लोग अचानक बढ़े हुए खर्चे की मार झेलें। जनता पर अनावश्यक आर्थिक बोझ नहीं डालेंगे।
मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि प्रदेश सरकार जनता-जनार्दन की अपेक्षाओं के अनुरूप निर्णय ले रही है। गरीब, मध्यम वर्ग, टैक्सी यूनियन, और ट्रांसपोर्ट व्यवसाय से जुड़े लोगों की सुरक्षा ही प्राथमिकता है। जनहित के मामलों में सरकार किसी भी तरह की देरी नहीं होने देगी।
सीएम ने कहा कि हमारी सरकार का संकल्प है कि जनता को राहत दें और हर ऐसा कदम उठाएं जिससे लोगों पर आर्थिक बोझ कम हो। आने वाले समय में केंद्र द्वारा किए जाने वाले संशोधन के अनुसार ही आगे नई दरें लागू की जाएंगी।

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