समाचार सच, देहरादून। उत्तराखण्ड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष करन माहरा ने राज्य की धामी सरकार पर कांग्रेस के निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों के साथ राजनैतिक विद्वेष एवं प्रतिशोध की भावना से काम करने तथा राज्य में पंचायती राज व्यवस्था को छिन्न-भिन्न करने का आरोप लगाया है।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष श्री करन माहरा ने जिला पंचायत चमोली की अध्यक्ष श्रीमती रजनी भण्डारी को वित्तीय अनियमितता का आरोप लगाते हुए पदच्युत किये जाने पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि भाजपा की राज्य सरकार विपक्षी दल के चुने हुए पंचायत प्रतिनिधियों को झूठे आरोपों में फंसाकर एन-केन-प्रकारेण पदच्युत कर पंचायतों में राज्य की सत्ता के बल पर काबिज होना चाहती है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार द्वारा राजनैतिक प्रतिशोध और द्वेष की भावना से प्रेरित होकर विपक्षी दल के निर्वाचित पंचायत प्रतिनिधियों के साथ की जा रही दुर्भावना पूर्ण कार्रवाई की कांग्रेस पार्टी कठोर शब्दों में निन्दा करती है।
करन माहरा ने कहा कि जब से राज्य में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार सत्तारूढ़ हुई है तब से राज्य सरकार के इशारे पर राजनैतिक प्रतिशोध और द्वेष की भावना से विपक्षी दलों के जनप्रतिनिधियों का लगातार उत्पीड़न किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि एक ओर राज्य सरकार के इशारे पर कंाग्रेस पार्टी के चुने हुए पंचायत प्रतिनिधियों को अलोकतांत्रिक तरीके से पदों से हटाया जा रहा हैं वहीं पूर्व प्रतिनिधियों पर झूठे मुकदमें लगाये जा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि इससे पूर्व भी कांग्रेस पार्टी की जिला पंचायत चमोली की अध्यक्ष श्रीमती रजनी भण्डारी को झूठे आरोप लगाते हुए पद से हटाने का षड्यंत्र रचा गया था जिसे मा0 न्यायालय ने नकार कर भाजपा सरकार के मुंह पर तमाचा मारा था तथा इसी प्रकार उत्तरकाशी जिला पंचायत अध्यक्ष श्री दीपक बिजल्वाण, नगर पालिका परिषद श्रीनगर की अध्यक्ष श्रीमती पूनम तिवारी एवं ब्लॉक प्रमुख खटीमा श्री रणजीत सिंह नामधारी को भी अलोकतांत्रिक तरीके से झूठे आरोप लगाते हुए उनके पदों से हटाया गया।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि विपक्षी दल के चुने हुए पंचायत प्रतिनिधियों को अलोकतांत्रिक तरीके से पदच्युत किया जाना लोकतंत्र एवं पंचायती राज व्यवस्था के लिए गंभीर चिंता का विषय है तथा स्वस्थ लोकतंत्र की परम्परा के लिए शुभ संकेत नहीं माना जा सकता है। उन्होंने कहा कि पंचायतों में भाजपा सरकार की दखलंदाजी से न केवल राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों के विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं अपितु देश की पंचायतीराज व्यवस्था एवं संविधान में पंचायतों के लिए की गई व्यवस्था पर भी चोट पहुंच रही है।
श्री करन माहरा ने श्रीमती रजनी भण्डारी को राजनैतिक द्वेष की भावना से पुनः जिला पंचायत पद से हटाये जाने पर आक्रोष व्यक्त करते हुए महामहिम राज्यपाल से आग्रह किया है कि प्रदेश में संवैधानिक संरक्षक होने के नाते इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए श्रीमती रजनी भण्डारी को जिला पंचायत अध्यक्ष पद पर बहाल किये जाने हेतु राज्य सरकार को उचित दिशा-निर्देश दिये जांय।
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