समाचार सच, हल्द्वानी। निकाय चुनाव में कांग्रेस के समक्ष भाजपा की हैट्रिक रोकने की चुनौती है। हल्द्वानी नगर निगम घोषित होने के बाद भाजपा ने यहां से 2013 व 2018 में मेयर का चुनाव जीतने में सफलता हासिल की थी। इधर 2024 में एक बार फिर से भाजपा व कांग्रेस आमने-सामने हैं। अब देखना यह है कि इन चुनावों में कौन जीत हासिल करता है।
विदित हो कि हल्द्वानी नगर पालिका को 2013 में नगर निगम का दर्जा दिया गया था। इसके बाद 30 वार्ड के साथ हुए निगम के चुनाव में भाजपा के डॉ. जोगेंद्र पाल सिंह रौतेला ने जीत दर्ज हासिल की थी। दूसरे स्थान पर समाजवादी पार्टी के अब्दुल मतीन सिद्दकी और कांग्रेस के हेमन्त बगड़वाल तीसरे स्थान पर रहे थे। वहीं, पांच साल बाद 2018 में निगम के नजदीकी 36 गांवों को शामिल कर निगम के 60 वार्ड बनाए गए थे। इसके बाद हुए चुनाव में भाजपा से डॉ. जोगेंद्र पाल सिंह रौतेला और कांग्रेस से सुमित हृदयेश मेयर पद के प्रत्याशी रहे। इस बार भी भाजपा के रौतेला को ही जीत मिली थी।
इधर इस बार हल्द्वानी नगर निगम के नए मेयर के चुनाव में कांग्रेस के सामने भाजपा को हैट्रिक बनाने से रोकने की चुनौती बनी हुई है। इधर पिछले चुनाव में भाजपा के प्रत्याशी को 10314 मतों से मेयर के पद पर जीत मिली थी। वहीं पांच साल में निगम में 28300 नए मतदाता जुड़ गए हैं। जिनके मेयर के चुनाव में निर्णायक होने की उम्मीद है। फिलहाल समाचार लिखे जाने तक किसी भी दल के प्रत्याशी घोषित नहीं हुए हैं। माना जा रहा है कि शुक्रवार शाम तक प्रत्याशियों की सूची जारी हो सकती है।
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