समाचार सच। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी आज सुबह अपनी मां के साथ जब अपने पैतृक गांव कनालीछीना के टुंडीदृबारमौं पहुंचे तो बचपन की यादें उन्हें भावनाओं से भर गईं। यह वही धरती है जहां उन्होंने अपने जीवन के शुरुआती वर्ष बिताए, जहां से शिक्षा, संस्कार, परंपराओं और गांव के लोगों के स्नेह ने उनके व्यक्तित्व की नींव रखी।
गांव पहुंचते ही बुजुर्गों का आशीर्वाद और मातृशक्ति का अपनापन उन्हें गहराई तक छू गया। कई बुजुर्ग आज भी उन्हें बचपन के नाम से पुकारते हैं। इस संबोधन ने वर्षों पुरानी आत्मीयता फिर से जीवंत कर दी। बच्चों और युवाओं का उत्साह देखते ही उनके चेहरे पर अव्यक्त खुशी और पुरानी स्मृतियों का सागर उमड़ पड़ा।
गांव की पगडंडियों पर कदम रखते ही हर आंगन अपनेपन से भरा लगा, हर चेहरा परिचित लगा और हर मोड़ बचपन की गलियों में वापस ले गया। टुंडीदृबारमौं उनके लिए सिर्फ एक गांव नहीं, बल्कि उनकी जड़ें, उनका संस्कार और उनकी पूरी पहचान है।
मुख्यमंत्री धामी ने कहा कि गांववासियों का स्नेह उनके लिए शक्ति, प्रेरणा और बड़ी जिम्मेदारी है। यह दिन हमेशा उनके हृदय में अंकित रहेगा। उन्होंने कहा कि लोगों का प्रेम और विश्वास ही उनकी सबसे बड़ी पूंजी है, जो आगे भी उन्हें मार्गदर्शन देता रहेगा।

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