समाचार सच, नोएडा डेस्क। उत्तर भारत में ठंड का असर अब तेज़ी से दिखाई देने लगा है। खासतौर से नोएडा में तापमान गिरकर 5-6 डिग्री तक पहुंच चुका है, जिससे लोगों को कड़ी ठंड का सामना करना पड़ रहा है। इसके साथ ही प्रदूषण भी अपनी चरम सीमा पर पहुंच चुका है, जिससे वातावरण में खराबी बढ़ गई है। ऐसे में नोएडा प्रशासन ने स्कूलों के समय में बदलाव करने का अहम निर्णय लिया है। अब सभी स्कूल सुबह 9 बजे से खुलेंगे।
नोएडा के डीएम मनीष शर्मा ने इस बदलाव के संबंध में आदेश जारी किया है और सभी स्कूलों को समय में बदलाव करने के लिए निर्देशित किया है। उनका कहना है कि यह कदम बच्चों को ठंड से बचाने और उनकी सेहत का ध्यान रखते हुए उठाया गया है।
स्कूल टाइमिंग में बदलाव, ठंड से राहत पिछले कुछ दिनों में नोएडा में तापमान में भारी गिरावट आई है, जिससे बच्चों को कड़ाके की ठंड में जल्दी उठना पड़ रहा था। अब प्रशासन ने स्कूल टाइमिंग में बदलाव कर बच्चों के लिए बड़ी राहत की कोशिश की है। यह निर्णय ठंड की बढ़ती मार और बच्चों की सेहत को देखते हुए लिया गया है। हर साल जब ठंड बढ़ जाती है, प्रशासन इस तरह के बदलाव करता है, और कई बार ठंडी की छुट्टियां भी घोषित की जाती हैं।
प्रदूषण का बढ़ता संकट, ग्रैप 4 लागू वहीं, दूसरी ओर प्रदूषण भी एक बड़ी समस्या बन चुका है। दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में प्रदूषण के स्तर को देखते हुए, ग्रैप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) का स्तर अब 4 तक बढ़ा दिया गया है। पहले यह ग्रैप 3 था, लेकिन हालात और बिगड़ने के बाद ग्रैप 4 लागू किया गया है।
ग्रैप 4 क्या है? ग्रैप 4 का मतलब है कि जब वायु गुणवत्ता गंभीर स्तर तक पहुंच जाती है, यानी जब एयर क्वालिटी इंडेक्स 450 से ऊपर चला जाता है, तो उसे ‘गंभीर प्लस’ वायु गुणवत्ता माना जाता है। इस स्तर पर प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए विशेष पाबंदियां लागू की जाती हैं, जैसे कि निर्माण कार्यों पर रोक, प्रदूषण फैलाने वाली गतिविधियों पर कड़ी नजर, और वाहनों के संचालन में प्रतिबंध।
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई और सरकार पर दबाव इस बीच, प्रदूषण के बढ़ते स्तर को लेकर सुप्रीम कोर्ट में नियमित रूप से सुनवाई हो रही है। कोर्ट ने सरकार से प्रदूषित शहरों के विस्तृत आंकड़े मांगे हैं और अधिकारियों पर लापरवाही बरतने का आरोप भी लगाया गया है। अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे प्रदूषण नियंत्रण के लिए प्रभावी कदम उठाएं और स्थिति को जल्द सुधारें।
अंत में, अगर आप जानना चाहते हैं कि ग्रैप 4 के तहत कौन-कौन सी पाबंदियां लागू हो सकती हैं, तो इनमें शामिल हो सकते हैं निर्माण और विध्वंस गतिविधियों पर रोक लगाई जा सकती है, जो धूल और अन्य प्रदूषक तत्वों को हवा में फैलाते हैं। प्रदूषण फैलाने वाले वाहनों का संचालन सीमित किया जा सकता है, खासकर उन वाहनों के लिए जो ईंधन के रूप में डीजल का उपयोग करते हैं। प्रदूषण फैलाने वाले उद्योगों पर कड़ी निगरानी रखी जा सकती है और कुछ को अस्थायी रूप से बंद किया जा सकता है। सभी संबंधित अधिकारियों को प्रदूषण नियंत्रण उपायों को लागू करने का आदेश दिया जाएगा, और लापरवाही के मामले में सख्त कार्रवाई की जा सकती है।
इस समय नोएडा और आसपास के इलाकों में ठंड और प्रदूषण दोनों का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में प्रशासन के द्वारा उठाए गए कदम बच्चों और नागरिकों की सेहत के लिए महत्वपूर्ण साबित हो सकते हैं।
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