समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। 30 मार्च 2024 को रंग पंचमी का उत्सव मनाया जाएगा। मध्य प्रदेश के अधिकतर शहरों में रंगपंचमी का खास महत्व रहता है। भारत में कई स्थानों पर रंग पंचमी पर रंगों वाली होली खेली जाती है। मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ के अनेक स्थानों पर होली के दिन गमी का रंग डालते हैं और रंग पंचमी पर रंगों की होली खेलते हैं। मथुरा तथा वृन्दावन के कुछ मंदिरों में भी रंग पञ्चमी पर ही होलिका उत्सव का समापन होता है।
पंचमी तिथि प्रारम्भ- 29 मार्च 2024 को रात्रि 08.20 बजे।
पंचमी तिथि समाप्त- 30 मार्च 2024 को रात्रि 09.13 बजे।
रंगपंचमी के दिन का शुभ मुहूर्त-
अमृत काल – सुबह 11.02 से दोपहर 12.43 तक।
अभिजीत मुहूर्त- दोपहर 12.06 से 12.56 तक।
विजय मुहूर्त- दोपहर 02.35 से 03.24 तक।
गोधूलि मुहूर्त- शाम 06.40 से 07.04 तक।
रवि योग – रात्रि 10.03 से 31 मार्च सुब 06.20 तक।
निशीथ काल – मध्यरात्रि 12.07 से 12.54 तक (मार्च 31)
रंग पंचमी की पूजा विधि-
- इस दिन श्रीराधा और भगवान कृष्ण की पूजा करते हैं।
- दोनों की ही पूजा पति पत्नी मिलकर करें।
- प्रातःकाल उठकर दोनों की तस्वीर के समक्ष घी का दीया जलाएं।
- दोनों की पंचोपचार पूजा करें और उन्हें लाल रंग का गुलाल अर्पित करें।
- माखन मिश्री के साथ ही अन्य तरह के भोग लगाएं।
- भोग के बाद आरती करें।
रंग पंचमी के खास ज्योतिषीय उपाय-
- जीवन में सुख शांति और प्रेम के लिए इस दिन श्रीराधाजी के नाम का जाप करें।
- जीवन में धन समृद्धि हेतु माता लक्ष्मी के मंत्र ऊँ श्रीं हृीं श्रीं महालक्ष्म्यै नमः का जाप करें।
- माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु को पीले रंग की मिठाई, गुड़ और मिश्री का भोग लगाएं।
- भगवान कृष्ण और मां राधा को लाल, पीला गुलाल और इत्र चढ़ाएं।
- घर की शुद्धि के लिए घर में हर जगह गंगाजल का छिड़काव करें।

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