समाचार सच, देहरादून (एजेन्सी)। उत्तराखण्ड में आयोजित सदन के पहले दिन ही कांग्रेस आक्रामक दिखायी दी। कांग्रेस के धारधार सवालों से भाजपा के मंत्री सदन में असहज दिखाई दिए। सत्र के दौरान भाजपा सरकार पर जमकर हमला बोला गया। अफसरशाही सहित कई मुद्दों पर कांग्रेसियों ने उत्तराखंड सरकार को घेरा।


विधानसभा के बजट सत्र के पहले दिन प्रश्नकाल में विपक्ष के प्रश्नों पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज घिर गए। विपक्ष का आरोप था कि प्रश्नों का तथ्यपरक जवाब नहीं दिया जा रहा है। यह सदन और जनता का अपमान है। उनका यह भी कहना था कि सदस्यों को प्रश्नों के उत्तर भी समय से उपलब्ध नहीं कराए जा रहे हैं। बाद में पीठ ने विभागों को निर्देश दिए कि सदस्यों को एक दिन पहले उनके प्रश्नों के उत्तर उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए। शून्यकाल में किच्छा से विधायक तिलकराज बेहड़ ने नियम 58 के तहत उनके क्षेत्र में लगने वाले हाट में पुलिस कर्मियों की तैनाती न होने और इस बारे में किच्छा के कोतवाल द्वारा अभद्रता का मामला उठाया। इस मामले में विपक्ष के सदस्य पीठ के सामने आकर नारेबाजी करने लगे। हंगामे को देखते हुए अध्यक्ष ने सदन की कार्यवाही तीन बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
कांग्रेसियों ने सरकार की पूरी नौकरशाही को बेलगाम बताकर हंगामा किया। हंगामे की वजह से सत्र सवा दो घंटे को स्थगित किया गया। कांग्रेसियों ने मांग की है कि ग्रीष्मकालीन राजधानी गैरसैंण में ही ग्रीष्मकालीन सत्र आयोजित होना चाहिए। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य सहित सभी कांग्रेसी धरने पर बैठ गए। विरोध करते हुए चिंता जताई कि भाजपा सरकार विकास के नाम पर कुछ नहीं कर रही है। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य का कहना है कि गैरसैंण जनभावनाओं से जुड़ा मुद्दा है। सरकार स्पष्ट करे कि वह गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाने और उसके विकास के लिए क्या कर रही है। प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा का भी स्पष्ट कहना है उनकी पार्टी गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाए जाने के पक्ष में है। लेकिन अभी यह फैसला सत्तारूढ़ दल को लेना है।

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