धनतेरस 2024: कौन थे भगवान धन्वंतरि? धनतेरस के दिन इनकी सिर्फ इस विधि से ही करें पूजा

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समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। हर साल धनतेरस के दिन दिवाली का पांच दिवसीय उत्सव प्रारंभ हो जाता है, जो कि भाई दूज तक चलता है। धनतेरस कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाई जाती है। इस साल यह दिन 29 और 30 को पड़ रहा है। धनतेरस के दिव मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा की जाती है। इस दिन भगवान धन्वंतरि की उपासना करने से भी शुभ फलों की प्राप्ति होती है। मालूम हो कि धनेतरस के दिन भगवान धन्वंतरि के जन्मोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। तो आइए जानते हैं कि धन्वंतरि देव कौन है और धनतेरस के दिन इनकी पूजा का क्या विशेष महत्व है।

कौन थे भगवान धन्वंतरि?
भगवान धन्वंतरि आयुर्वेद के जनक माने जाते हैं। धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, धन्वंतरि जी भगवान विष्णु के 24 अवतारों में से 12वें अवतार माने गए हैं। मान्यताओं के अनुसार, भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन के दौरान हाथ में कलश लेकर प्रकट हुए थे। भगवान धन्वंतरि की चार भुजाएं हैं। ऊपर के एक हाथ में शंख, दूसरे में कलश और नीचे के तीसरे हाथ में जड़ी बूटी और चौथे में आयुर्वेद ग्रंथ है। धनतेरस को भगवान धन्वंतरि के जन्मोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से सेहत और निरोगी शरीर का आशीर्वाद मिलता है।
धनतेरस पर इस विधि के साथ करें भगवान धन्वंतरि की पूजा

  • धनतेरस के दिन प्रातकाल स्नान कर साफ-सुथरे वस्त्र पहन लें
  • मंदिर या पूजा घर को साफ कर गंगाजल छिड़कर शुद्ध कर लें
  • अब उत्तर-पूर्व दिशा में एक पूजा की चौकी स्थापित करें
  • इस चौकी पर भगवान धन्वंतरि की मूर्ति या तस्वीर रखें
  • फिर भगवान धन्वंतरि का स्मरण कर अभिषेक करें
  • षोडशोपचार विधि से भगवान धन्वंतरि की पूजन करें
  • ऊँ नमो भगवते धन्वंतराय विष्णुरूपाय नमो नमः मंत्र का 108 बार जाप करें
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भगवान धन्वंतरि की पूजा के समय इस मंत्र का भी करें जाप

देवान कृशान सुरसंघनि पीडितांगान, दृष्ट्वा दयालुर मृतं विपरीतु कामः

पायोधि मंथन विधौ प्रकटौ भवधो, धन्वन्तरि स भगवानवतात सदा नः
ऊँ धन्वन्तरि देवाय नमः ध्यानार्थे अक्षत पुष्पाणि समर्पयामि…

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धनतेरस के दिन इन चीजों को खरीदना होता है शुभ
धनतेरस के दिन सोन-चांदी खरीदना काफी शुभ माना जाता है। इसके अलावा पीतल के बर्तन खरीदना भी अत्यंत लाभदाक होता है। धनतेरस पर झाड़ू और नमक खरीदने की भी परंपरा है। कहते हैं कि इस दिन झाड़ू और पीतल खरीदने से मां लक्ष्मी और भगवान धन्वन्तरि की कृपा प्राप्त होती है।

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