केंद्रीय गृह मंत्री ने 48 वीं अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस के उद्घाटन कार्यक्रम में किया प्रतिभाग
समाचार सच, भोपाल (रिपोर्टर देवेन्द्र कुमार जैन)। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने केंद्रीय पुलिस प्रशिक्षण अकादमी, भोपाल में 48वीं अखिल भारतीय पुलिस विज्ञान कांग्रेस के उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हम एक बहुत ही कठिन काल से गुजरे हैं, सदी की सबसे भीषण जानलेवा बीमारी का सामना देश ने किया है। दुनिया में लाखों लोग मृत्यु की शरण हुए हैं, कोरोना के समय में देशभर में लगभग 4 लाख से अधिक पुलिस कर्मी संक्रमित हुए, 27 सौ से ज्यादा की मृत्यु भी हुई।
केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि इस कालखंड के दौरान देश की पुलिस का एक अलग चेहरा देश की जनता के सामने आया। मैं देशभर के पुलिसबल को अभिनंदन देना चाहता हूं, जहां भी जाते हैं पुलिस की कार्रवाई की भूरी-भूरी प्रशंसा होती है।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि सभी बलों ने देश की जनता के सामने मानवीय चेहरा प्रस्तुत किया है। मैं कोरोना काल में अपनी ड्यूटी करते-करते जान गवां चुके हैं सभी को श्रद्धांजलि देना चाहता हूं।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि मेरा बीपीआरएनडी से आग्रह है इसके कार्यक्रमों, सत्रों की रचना इस प्रकार की जाए कि समान प्रकार की चुनौतियों का सामना करने के लिए देशभर की पुलिस की एक रणनीति हो, आपके चर्चा सत्रों और निष्कर्षों में इसके लिए जगह हो। ये बहुत जरूरी है कि पुलिस अपराधी से दो कदम आगे रहे, इसके लिए पुलिस को भी आधुनिक बनना पड़ेगा। जब तक कॉन्स्टेबल, हेड कॉन्स्टेबल तक टेक्नलॉजी के संस्कार नहीं जाते, हम नए प्रकार के अपराधों के खिलाफ नहीं लड़ सकते। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पुलिस टेक्नलॉजी मिशन की घोषणा की है, इसके लिए कच्चा खाका बना लिया है। इसके माध्यम से ढेर सारी चीजें, एक समान रूप से पूरे देश की पुलिस, हर एक थाना सज्ज हो सके। उन्होंने कहा कि देशभर में एक ही प्रकार की वायरलेस, एक ही प्रकार के सीसीटीवी लगें। एक्सचेंज ऑफ इंफॉर्मेशन की सारी चीजें हों, एक्सचेंज ऑफ डेटा का अधिकार भी देश की हर पुलिस को हो।
उन्होंने कहा कि इस प्रकार की व्यवस्था हम टेक्नलॉजी मिशन के माध्यम से करना चाहते हैं। इससे देश का बहुत बड़ा फायदा होगा आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करना है तो पुलिस को मॉर्डनाइज करना पड़ेगा।
केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि एक नफीस सेवा भी हम आगे ले जाने वाले हैं। देशभर की घ्पुलिस के पास करोड़ों में फिंगर प्रिंट का डेटा है। नफीस के माध्यम से जैसे ही अपराधी के फिंगर प्रिंट को कम्प्यूटर में डालेंगे वह डेढ़ मिनट के अंदर आपको नाम दे देगा।
केंद्रीय गृह मंत्री शाह ने कहा कि ये सिस्टम तभी ऑपरेट हो सकता है। जब आपके के थाने के अंदर की ट्रेनिंग का ये हिस्सा हो। पुलिस की उपस्थिति ही लॉ एंड ऑर्डर को अच्छा रख सकती है। बीट की पेट्रोलिंग, चाहे दस ही लोग निकलें, लेकिन बहुत महत्वपूर्ण संतोष लोगों के बीच खड़ा कर देती है।


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