समाचार सच, देहरादून डेस्क। उत्तराखंड एसटीएफ ने नकली दवाइयों के बड़े रैकेट का पर्दाफाश करते हुए पति-पत्नी की जोड़ी को गिरफ्तार किया है। पंजाब के जीरकपुर से पकड़े गए प्रदीप कुमार और उसकी पत्नी श्रुति डावर ने साल 2023 में नकली दवाओं का धंधा शुरू किया था। इससे पहले एसटीएफ इस नेटवर्क के 12 और सदस्यों को पकड़ चुकी है, जिनमें दवा कंपनियों के मालिक और प्लॉट हेड शामिल थे।
पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने ‘सांई फार्मा’ नाम से फर्जी फर्म बनाकर नकली रैपर, आउटर बॉक्स, लेबल और क्यूआर कोड के सहारे दवाइयां तैयार कीं और कई राज्यों में सप्लाई कीं। देहरादून व हरिद्वार स्थित फैक्ट्रियों में दवाइयां बनाई जाती थीं और हिमाचल के बद्दी से प्रिंटेड एल्यूमिनियम फॉयल मंगवाया जाता था। आरोपी नवीन बंसल अपने फ्लैट में ब्लिस्टर मशीन से पैकिंग करता था और पंकज शर्मा फार्मेसी के एंबुलेंस वाहन से राज्यों तक पहुंचाई जाती थीं।
जांच में सामने आया है कि आरोपी प्रदीप कुमार पहले भी कोरोना काल में नकली रेमडेसिवीर इंजेक्शन बेचने पर जेल जा चुका है। उसके मेडिकल स्टोर और फर्जी फार्मा कंपनी के खातों से बीते दो साल में करीब 14 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ है। गिरोह ने उत्तराखंड समेत छह राज्यों में नकली दवाएं सप्लाई कीं। फिलहाल एसटीएफ मामले की गहन जांच कर रही है और बाकी फरार आरोपियों की तलाश जारी है।

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