समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। मार्गशीर्ष माह हिन्दू कैलेंडर का एक महत्वपूर्ण महीना है, जो आमतौर पर नवंबर और दिसंबर के बीच आता है। यह महीना विशेष रूप से धार्मिक दृष्टिकोण से बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। इस माह में विशेष पूजा, व्रत और तात्त्विक अभ्यास किए जाते हैं।
मार्गशीर्ष माह कब से कब तक?
मार्गशीर्ष माह की शुरुआत आमतौर पर कार्तिक पूर्णिमा के अगले दिन से होती है, जो नवंबर के महीने में आता है। यह महीना माघ माह की शुरुआत तक रहता है, जो दिसंबर के अंत तक या जनवरी की शुरुआत तक हो सकता है।
2024 में मार्गशीर्ष माह की तिथियाँ इस प्रकार हैं
शुरुआत- 26 नवंबर 2024 (कार्तिक पूर्णिमा के दिन)
समापन- 25 दिसंबर 2024 (माघ माह के प्रारंभ तक)
मार्गशीर्ष माह में क्या करें?
स्नान और पूजा
मार्गशीर्ष माह में प्रातः काल स्नान करने की विशेष महत्ता है। इस माह में गंगास्नान या किसी पवित्र नदी में स्नान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। इसके बाद भगवान विष्णु, भगवान सूर्य और महालक्ष्मी की पूजा करने से विशेष लाभ होता है।
व्रत और उपवासी
मार्गशीर्ष माह में विशेष रूप से तुलसी विवाह, व्रत और उपवासी रखे जाते हैं। विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार को उपवास रखना शुभ माना जाता है। साथ ही, इस महीने में विशेष रूप से लक्ष्मी पूजन, श्रीराम और श्रीकृष्ण के नाम का जप करना भी उत्तम फलदायक होता है।
दान और सेवा
इस महीने में दान करने का अत्यधिक महत्व है। विशेष रूप से गरीबों और ब्राह्मणों को भोजन, वस्त्र, और अन्य आवश्यक सामग्री का दान करना चाहिए। यह माह आत्मिक शुद्धता और पुण्य की प्राप्ति के लिए आदर्श समय है।
तुलसी विवाह
मार्गशीर्ष माह में तुलसी विवाह का आयोजन बहुत श्रद्धा और धूमधाम से किया जाता है। इसे विवाह के दिन तुलसी के पौधे की पूजा करके, उसे अक्षत और मिठाई अर्पित कर पूजा जाता है। इसे विशेष रूप से घरों में समृद्धि और सुख-शांति लाने के लिए किया जाता है।
ध्यान और साधना
इस माह में साधकों के लिए ध्यान और मंत्र साधना करना अत्यधिक लाभकारी है। इस समय का सदुपयोग आत्मसाक्षात्कार, ध्यान, और साधना में करना चाहिए।
संगीत और भक्ति
इस माह में विशेष रूप से भगवान श्री कृष्ण या भगवान राम की भक्ति में समय व्यतीत करना उत्तम माना जाता है। इस दौरान भजन-कीर्तन और पूजा-पाठ से आत्मिक शांति प्राप्त होती है।
निष्कर्ष
मार्गशीर्ष माह का समय विशेष रूप से धार्मिक अनुष्ठानों, व्रतों और पुण्य कार्यों के लिए उपयुक्त होता है। इस माह के दौरान यदि आप पूजा-पाठ, ध्यान, और दान के साथ-साथ साधना और सेवा कार्यों में संलग्न रहते हैं, तो आपके जीवन में सुख, समृद्धि और आत्मिक शांति का वास होगा।
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