कोरोना संक्रमित मरीजों के लिये अच्छी खबर : एसटीएच बना राज्य का पहला प्लाज्मा थेरेपी शुरू करने का केन्द्र

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-संक्रमित गंभीर रोगियों के ईलाज करने में अत्यधिक सहायक होगा प्लाज्मा थेरेपी
-अब प्रतिदिन हो सकेगी 1000 कोरोना सैम्पलों की जांच

समाचार सच, हल्द्वानी। कोरोना संक्रमित रोगियों के लिए अच्छी खबर हैं। डॉ0 सुशीला तिवारी चिकित्सालय में प्लाज्मा थेरेपी शुरू करने का केन्द्र बन चुका है। उक्त जानकारी देते हुए प्राचार्य डॉ0 सी0पी0 भैसोड़ा ने बताया कि यह एक अत्यधिक हर्ष की बात हैं कि आज डॉ0 सुशीला तिवारी में प्लाज्मा थेरेपी को शुरू करने के लिए अनुमति प्राप्त हो गयी है। अब कोरोना से संक्रमित गंभीर रोगियों के ईलाज करने में अत्यधिक सहायक होगा। उन्होंने बताया कि सीनियर इंस्पेक्टर ऑफ ड्रग जिला नैनीताल के द्वारा डॉ0 सुशीला तिवारी चिकिसालय में स्थापित ब्लड बैंक में प्लाज्मा थैरेपी को शुरू करने का लायसेन्स जारी कर दिया है।
ज्ञात हो कि चिकिसालय में लगातार कोरोना से संक्रमित रोगियों की संख्या बढ़ती जा रही थी, जिसमे गंभीर रोगियों की संख्या भी बढ़ रही थी। इसको देखते हुए अस्पताल प्रबंधन ने चिकित्सालय के रक्तकोष विभाग में प्लाज्मा थैरेपी को स्थापित करने का निर्णय लिया गया। जिससे कोविड के मरीजों के लिए प्लाज्मा तैयार किया जा सके। उक्त मशीनों को शुरू करने के लिए लाईसेंस की आवश्कता होती हैं जिसके लिए पूर्व में आवेदन किया गया था, उक्त मशीन को शुरू करने से पूर्व जिला ड्रग कंट्रोलर के द्वारा बीते दिनों निरीक्षण किया गया था। जिसमंे उनके द्वारा रक्तकोष में कुछ अतिरिक्त संसाधनों को बढ़ाने के लिए सुझाव दिए गए थे। उपरोक्त कमियों व सुझावों को पूर्ण करने के पश्चात शुक्रवार को पुनः निरीक्षण किया गया। जिसमें कोई भी कमी नजर नहीं आयी। जिसके चलते जिला ड्रग कंट्रोलर के द्वारा मशीनों को संचालन व प्लाज्मा निर्माण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी कर दिया। लायसेन्स के लिए चिकित्सा अधीक्षक डॉ0 अरुण जोशी, ब्लड बैंक प्रभारी डॉ0 सलोनी उपाध्याय, नोडल अधिकारी डॉ0 परमजीत सिंह आदि का बहुत महत्वपूर्ण योगदान रहा हैं।
प्राचार्य डॉ0 सी0पी0 भैसोड़ा ने बताया कि पूर्व में चिकिसालय में भर्ती गंभीर कोरोना पोजिटिव रोगियों को अतिरिक्त अनुमति से प्लाज्मा थेरेपी द्वारा ईलाज किया गया था। जो सफल रहा उक्त गंभीर रोगी प्लाज्मा थेरेपी दिए जाने के बाद तेजी से स्वस्थ्य होकर डिस्चार्ज हो कर गए हैं। उन्होंने दूसरी अच्छी खबर बताते हुए कहा कि कोरोना सैम्पलों की जांच की मात्रा बढ़ाने के क्रम में मेडिकल कॉलेज के वी0आर0डी0एल0 लैब में 96 वैल्स आरएनए एक्सट्रैक्शन प्लेटफॉर्म के स्थापित होने से प्रतिदिन 1000 कोरोना सैम्पलों की जांच की जाएगी।

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