
समाचार सच, हल्द्वानी। बी.पी.एल. शिक्षा प्रयास समिति में बाल दिवस का आयोजन इस बार केवल एक कार्यक्रम नहीं रहा, बल्कि निर्धन परिवारों के बच्चों के लिए यह खुशियों का एक ऐसा महाउत्सव बन गया जिसने हर किसी का दिल छू लिया। समिति के पूरे परिसर में बच्चों की हंसी, जोश और उत्साह ने ऐसा माहौल बनाया कि उपस्थित लोग भावुक हो उठे।
बता दे कि समिति, जो प्रतिदिन सायंकालीन कक्षाओं के जरिए निर्धन परिवारों के स्कूली बच्चों को निःशुल्क शिक्षा प्रदान करती है, ने बाल दिवस पर बच्चों के सपनों को और ऊँचा उड़ान देने की प्रेरणा दी।
कार्यक्रम की शुरुआत रोमांचक खेलकूद प्रतियोगिताओं से हुई। बच्चों ने इतनी ऊर्जा और खुशी के साथ भाग लिया कि दर्शक बार-बार अपनी सीटों से उठकर तालियों से उनका उत्साह बढ़ाने लगे। रस्साकूद, दौड़, म्यूज़िकल चेयर और कई अन्य खेलों में बच्चों ने गजब का हुनर दिखाया।
खेलकूद के बाद बच्चों ने मंच संभाला और बाल दिवस पर दिल छू लेने वाले भाषण दिए। छोटे-छोटे बच्चों के आत्मविश्वास भरे शब्द सुनकर उपस्थित जनप्रतिनिधि, शिक्षक और अभिभावक अभिभूत हो गए। कई बार तालियों की गूंज ने कार्यक्रम को और भी विशेष बना दिया।
समिति की संचालिका पूर्व प्रवक्ता श्रीमती पार्वती किरौला ने बच्चों को बाल दिवस का इतिहास, महत्व और बाल अधिकारों के बारे में विस्तार से बताया। उनका प्रेरक संबोधन बच्चों के लिए ज्ञान और उत्साह का अनमोल उपहार साबित हुआ। उन्होंने कहा कि समिति का उद्देश्य सिर्फ पढ़ाना नहीं, बल्कि बच्चों के भीतर आत्मविश्वास, संस्कार और सपनों को पंख देना है।
कार्यक्रम के समापन पर बच्चों को स्वादिष्ट मिष्ठान और जलपान कराया गया। मिठाई पाकर बच्चों के चेहरों पर जो चमक आई, वह किसी भी बड़ी सफलता से कम नहीं थी। समिति के सदस्यों ने बच्चों के बीच बैठकर भोजन कर अपनत्व का अद्भुत उदाहरण प्रस्तुत किया।
कार्यक्रम में उपस्थितिः
कानूनी सलाहकार जी.एस. किरौला, मीडिया प्रभारी नीरू भल्ला, शिक्षिका मीनाक्षी शाह, आशीष मौर्य और गीता गढ़कोटी, जिन्होंने कार्यक्रम को सफल बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

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