समाचार सच, हल्द्वानी। स्थायी निवास प्रमाणपत्र को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर बनवाने के मामले की जांच में एक और गंभीर तथ्य सामने आया है। सत्यापन के दौरान यह पता चला कि अंजुमन मोमिन अंसार सोसाइटी, आज़ाद नगर, नैनीताल के नाम से जारी कथित प्रमाणपत्र में दिए गए पते पर सोसाइटी मौजूद ही नहीं है।
सिटी मजिस्ट्रेट, एसडीएम और तहसीलदार हल्द्वानी की संयुक्त टीम ने जब प्रमाणपत्र में दर्ज पते का सत्यापन किया, तो सोसाइटी वहाँ नहीं मिली। स्थानीय स्तर पर हुई पड़ताल में यह स्पष्ट हुआ कि रईस अहमद अंसारी, जो साहूकर लाइन में दुकान चलाते हैं, सोसाइटी के नाम पर अवैध रूप से प्रमाणपत्र जारी कर रहे थे।
मौके पर पूछताछ में रईस अहमद अंसारी ने स्वीकार किया कि वह वर्ष 2007 से ऐसे प्रमाणपत्र बना रहा है, जबकि जांच में यह भी पाया गया कि सोसाइटी वर्ष 2007 के बाद से रिन्यू ही नहीं हुई है। साथ ही सोसाइटी के अध्यक्ष और महासचिव का निधन हो चुका है, जिससे सोसाइटी निष्क्रिय स्थिति में है। इसके बावजूद एक अनधिकृत व्यक्ति द्वारा सोसाइटी के नाम पर प्रमाणपत्र जारी किए जा रहे थे।
इन फर्जी प्रमाणपत्रों का उपयोग कई लोग जाति, जन्म और निवास प्रमाणपत्र प्राप्त करने के लिए कर रहे थे, जबकि सोसाइटी को ऐसे किसी भी प्रकार का प्रमाणपत्र जारी करने का कानूनी अधिकार नहीं है।
एसडीएम हल्द्वानी ने तहसीलदार को निर्देश दिए हैं कि इन प्रमाणपत्रों के आधार पर जारी सभी जाति प्रमाणपत्रों की तत्काल जांच की जाए। टीम ने मौके से संबंधित दस्तावेज भी सीज़ कर लिए हैं। साथ ही अवैध प्रमाणपत्र जारी करने में संलिप्त व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश जारी किए गए हैं। सोसाइटी से जुड़े सभी तथ्यों और गतिविधियों की जांच जारी है।

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