समाचार सच, हल्द्वानी। मंगलवार को भारत सरकार की अंतर-मंत्रालयी केंद्रीय टीम नैनीताल जिले में मानसून के दौरान हुई आपदाओं से हुए नुकसान का आकलन करने पहुंची। इस दौरान टीम ने जिला प्रशासन के साथ बैठक कर क्षति का विस्तृत ब्यौरा लिया और प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया।
हल्द्वानी के सर्किट हाउस में आयोजित बैठक में जिलाधिकारी वंदना ने केंद्रीय टीम का स्वागत किया और मानसून से हुए नुकसान की पूरी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिले को लगभग 443.42 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ, जिसमें आपदा न्यूनीकरण के लिए 285 करोड़ और विभिन्न विभागों की संपत्तियों को 158 करोड़ रुपये की क्षति हुई।
जिलाधिकारी ने बताया कि लोक निर्माण, सिंचाई, ऊर्जा, ग्रामीण निर्माण, पेयजल और शिक्षा विभाग को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ। उन्होंने हल्द्वानी-भीमताल-अल्मोड़ा सड़क मार्ग की समस्या पर विशेष ध्यान दिलाया, जो रानीबाग के पास मोटर पुल के निकट पहाड़ कटान के कारण बंद होने की स्थिति में है। इसके अलावा, अन्य महत्वपूर्ण सड़कों के स्थायी समाधान की जरूरत पर भी जोर दिया।
उन्होंने क्षतिग्रस्त स्कूल भवनों, सड़कों, सिंचाई नहरों, सरकारी संपत्तियों और नदियों के कटाव से प्रभावित गोलापार, चोरगलिया, लालकुआं, हल्द्वानी, रानीबाग, रामनगर और जिले के पहाड़ी क्षेत्रों की स्थिति की जानकारी दी। गोला, कोसी और नंधौर नदियों में हुए भू-कटाव और प्रभावित गांवों व शहरी क्षेत्रों का भी जिक्र किया।
बैठक के बाद केंद्रीय टीम ने जिलाधिकारी और अन्य अधिकारियों के साथ प्रभावित क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया। टीम ने गोलापार के इंदिरा गांधी स्टेडियम, गोला पुल, सूखी नदी और चोरगलिया का दौरा कर क्षति का जायजा लिया।
केंद्रीय टीम में कृषि मंत्रालय के निदेशक वीरेंद्र कुमार, केंद्रीय जल आयोग के अधीक्षण अभियंता सुधीर कुमार और निदेशक यूएलएमएमसी शांतनु सरकार शामिल थे। इस दौरान प्रभागीय वनाधिकारी कुंदन कुमार, अपर जिलाधिकारी शैलेन्द्र सिंह नेगी, विवेक रॉय, एसपी प्रकाश चंद्रा सहित कई जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद रहे।

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