नैनीताल के गांवों में पहुंचेगा हाई-स्पीड नेटवर्क, बीएसएनएल ने लगाए 48 मोबाइल टावर

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समाचार सच, हल्द्वानी। डिजिटल इंडिया के सपने को साकार करने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए नैनीताल जनपद के दुर्गम पर्वतीय इलाकों में अब मोबाइल नेटवर्क की पहुँच संभव होने जा रही है। भारत संचार निगम लिमिटेड द्वारा इन क्षेत्रों में 48 मोबाइल टावर लगाए जा चुके हैं, जिन्हें जल्द ही 4G नेटवर्क से जोड़ा जाएगा।

सांसद अजय भट्ट ने जानकारी दी कि इन टावरों की मदद से अब हर गांव को मोबाइल कनेक्टिविटी के साथ-साथ कॉमन सर्विस सेंटर से भी जोड़ा जाएगा। इससे दूरदराज के लोगों को सरकारी योजनाओं और डिजिटल सेवाओं का लाभ घर बैठे मिलने लगेगा।

पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय भट्ट ने बीएसएनएल अधिकारियों के साथ बैठक में कहा कि जहां-जहां टावर लग चुके हैं, वहां बेहतर नेटवर्क उपलब्ध कराने के लिए उन्हें ऑप्टिकल फाइबर केबल से जोड़ा जाएगा। इस काम के लिए नागार्जुन कंस्ट्रक्शन कंपनी को टेंडर दिया जा चुका है। टावर लगाने के लिए स्थानों के चयन और सर्वेक्षण में स्थानीय जनप्रतिनिधियों की मदद ली जाएगी, ताकि क्षेत्रीय जरूरतों के अनुरूप काम हो।

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अजय भट्ट ने बताया कि पहले टावरों के उपकरण विदेशों से मंगवाए जाते थे, जिससे नेटवर्क स्थापित करने में देर होती थी। अब ‘वोकल फॉर लोकल’ अभियान के तहत ये सभी उपकरण देश की स्वदेशी कंपनियों जैसे तेजस, सी-डॉट और टीसीएस द्वारा बनाए जा रहे हैं। इससे रखरखाव आसान होगा और समय की बचत भी होगी।

प्रत्येक मोबाइल टावर के संचालन के लिए स्थानीय व्यक्ति को ग्राम प्रधान या जनप्रतिनिधि की सिफारिश पर नियुक्त किया जाएगा। इन व्यक्तियों को बीएसएनएल द्वारा सिम कमीशन के आधार पर आय का स्रोत भी उपलब्ध कराया जाएगा, जिससे ग्रामीण स्तर पर रोजगार को भी बढ़ावा मिलेगा।
सांसद भट्ट ने ग्रामीणों से अपील की कि यदि किसी क्षेत्र में मोबाइल नेटवर्क की समस्या बनी हुई है तो वे उनसे या स्थानीय जनप्रतिनिधियों से संपर्क करें। ऐसे क्षेत्रों में प्राथमिकता के आधार पर सर्वे कर मोबाइल टावर लगाए जाएंगे।

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उन्होंने बताया कि पूर्व में गुनियारो और अन्य दुर्गम इलाकों में वी-सेट तकनीक से सीमित कनेक्टिविटी दी जा रही थी, जिससे कॉल और इंटरनेट में काफी विलंब होता था। लेकिन अब तकनीकी सुधारों से इन क्षेत्रों में तेज और स्थिर नेटवर्क सुविधा सुनिश्चित की जा रही है।
बैठक में बीएसएनएल कुमाऊं के महाप्रबंधक संजय प्रसाद, एजीएम प्रोजेक्ट ललित मोहन तिवारी, जीएस कार्की, विमलेश व धीरेन्द्र कुमार भी मौजूद रहे।

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