समाचार सच, नई दिल्ली। पैन कार्ड वित्तीय लेन-देने के लिए सबसे अहम दस्तावेज माना जाता है। इसके साथ ही यह किसी भी नागरिक की पहचान के लिए भी अहम माना जाता है। चाहे बैंक अकाउंट खुलवाना हो या फिर इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करना हो इसके लिए पैन जरूरी होता है।
आयकर अधिनियम 1961 की धारा 139 ए के तहत, पैन कार्ड कुछ श्रेणियों जैसे बैंक में उच्च-मूल्य नकद जमा या निकासी जैसे विशिष्ट वित्तीय लेनदेन करने के लिए अनिवार्य है। हालांकि इनकम टैक्स डिपार्टमेंट नागरिकों को पैन कार्ड के विकल्प के तौर पर दो दस्तावेज को इस्तेमाल करने की सुविधा देता है। यह सुविधा उनके लिए फायदेमंद है जिनका पैन कार्ड बनकर नहीं आया है या फिर उनका पैन नंबर उपलब्ध नहीं है।
पैन के बदले आधार : इस साल लागू किए गए नए नियमों के अनुसार अब नागरिक आधार कार्ड से भी अपना इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल कर सकते हैं। अगर किसी के पास पैन कार्ड नहीं है मगर आधार नंबर है तो वह अपना आईटीआर दाखिल कर सकता है। ऐसे मामलों में इनकम टैक्स डिपार्टमेंट एक नया पैन कार्ड जारी करता है जो कि आधार से लिंक्ड होता है। वहीं अगर किसी के पास पैन कार्ड है और वह आधार से लिंक्ड है तो वह भी आधार देकर अपना आईटीआर फाइल कर सकता है। ऐसा इसलिए क्योंकि आधार और पैन एक-दूसरे से लिंक्ड है।
फॉर्म 60 : आयकर अधिनियम 1962 के मुताबिक जिनके पास पैन कार्ड नहीं है वह फॉर्म 60 को भर कर अपना आईटीआर भर सकते हैं। यह फॉर्म वहीं भर सकते हैं जिनके पास पैन कार्ड नहीं है। अगर आपके पास पैन है और आपने इस फॉर्म को भर दिया तो आप पर इनकम टैक्स एक्ट के तहत 10,000 रुपए की पेनल्टी लगाई जाएगी।
बता दें कि फॉर्म 60 एक तरह का घोषणापत्र होता है, इसमें आवेदक को अपने नाम, पता सहित इस बात जानकारी देनी होती है कि उसके पास पैन नंबर उपलब्ध नहीं है। आवेदक को इसकी भी जानकारी देनी होती है कि उसके पास किस वजह से पैन नंबर उपलब्ध नहीं है।
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