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रामनगर कांग्रेस भवन विवाद में नया मोड़: हाईकोर्ट ने कहादृ नीरज अग्रवाल को भेजा जाए नोटिस, कब्जा खाली कराएं

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समाचार सच, नैनीताल। रामनगर स्थित कांग्रेस कार्यालय को लेकर चल रहा विवाद अब न्यायिक दखल के बाद एक नए मोड़ पर पहुंच गया है। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए सरकार और नगर पालिका परिषद रामनगर को निर्देश दिए हैं कि व्यवसायी नीरज अग्रवाल को नोटिस देकर उनसे भवन खाली कराया जाए।

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गौरतलब है कि कुछ दिन पहले कांग्रेस नेताओं ने रामनगर स्थित कांग्रेस भवन के बाहर जोरदार प्रदर्शन कर इसे अपनी पार्टी की संपत्ति बताया था। वहीं दूसरी ओर, व्यवसाई नीरज अग्रवाल ने कांग्रेस पर ही भवन पर कब्जा करने का आरोप लगाया था और खुद को उसका कानूनी हकदार बताया था।

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इस मामले में ज्योलीकोट निवासी प्रेम बिष्ट ने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर कहा कि उपजिलाधिकारी रामनगर ने बिना किसी विधिक प्रक्रिया के इस भवन को नीरज अग्रवाल को सौंप दिया, जबकि उनके नाम पर बनी 90 साल की लीज पहले ही समाप्त हो चुकी है।

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वरिष्ठ न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी और न्यायमूर्ति सुभाष उपाध्याय की खंडपीठ ने सुनवाई करते हुए स्पष्ट किया कि यह संपत्ति सरकार व नगर पालिका परिषद रामनगर की है, इसलिए नीरज अग्रवाल को नोटिस जारी कर भवन कब्जा मुक्त कराया जाए।

इस निर्णय से कांग्रेस कार्यकर्ताओं को बड़ी राहत मिली है और संभावना है कि विवादित भवन अब दोबारा कांग्रेस के कब्जे में आ सकता है।

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