उत्तराखण्ड में किसानों के साथ पूर्व सीएम हरदा का मुख्यमंत्री आवास कूच, पुलिस ने बैरिकेड्स लगाकर रोका

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समाचार सच, देहरादून। हरिद्वार में बाढ़ और आपदा से प्रभावित किसानों को उचित मुआवजे की मांग को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने मुख्यमंत्री आवास कूच किया है। हरदा ट्रैक्टर में सवार होकर धरना स्थल पहुंचे। इस दौरान उनके समर्थकों की भी भारी भीड़ जुट गई। हरीश रावत के साथ बड़ी संख्या में किसान भी मौजूद रहे। किसानों का आरोप है कि सरकार न तो किसानों को उचित मुआवजा दे रही है और न ही किसानों की बात सुन रही है

पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने शनिवार को बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ताओं और हरिद्वार के किसानों के साथ मुख्यमंत्री आवास कूच किया। हरीश रावत ट्रैक्टर पर सवार होकर कांग्रेस दफ्तर से निकले। इस दौरान उनके साथ बड़ी संख्या में कार्यकर्ता और किसान भी आगे बढ़े। हरिद्वार से आए किसानों के हाथों में गन्ना था। हरीश रावत और उनके साथ मौजूद किसानों को पुलिस ने हाथीबड़कला में बैरिकेड्स लगाकर रोक दिया। पुलिस के जरिए रोके जाने के बाद लोग वहीं धरने पर बैठ गए। किसानों का आरोप है कि बाढ़ और आपदा के चलते उनकी गन्ने की फसल के साथ ही अन्य फसलें भी खराब हो गईं लेकिन सरकार ने कोई सुध नहीं ली। किसानों का आरोप है कि सरकार ने उनके लिए जो मुआवजा तय किया है वो बेहद कम है। किसान गन्ने का समर्थन मूल्य बढ़ाने की भी मांग कर रहें हैं।

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वहीं इस दौरान हरीश रावत ने भी सरकार पर किसानों की अनदेखी का आरोप लगाया है। हरीश रावत ने कहा है कि सरकार को हरिद्वार के किसानों के नुकसान की भरपाई करनी चाहिए। इसके साथ ही उनके फसली ऋण माफ करने चाहिए। इस प्रदर्शन के दौरान हरीश रावत टैक्ट्रर पर सड़े हुए गन्ने लेकर भी पहुंचे। हरीश रावत ने ये गन्ने बैरिकेड्स के पास ही सड़क पर उतरवाए। किसानों का आरोप है कि हरिद्वार और आसपास के इलाकों में आई भारी बारिश ने उनकी फसलों को खासा नुकसान पहुंचाया है। अधिक पानी के चलते उनकी गन्ने की फसल पूरी तरह खराब हो गई।

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