समाचार सच. स्वास्थ्य डेस्क। एनीमिया यानी शरीर में खून की कमी यह समस्या महिलाओं में अधिक पाई जाती है। हमारे देश में हर तीन में से एक महिला एनीमिया की शिकार है।
एनीमिया क्या है – शरीर के सेल्स को एक्टिव रहने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत होती है और ऑक्सीजन को शरीर के अलग-अलग भागों में रेड ब्लड सेल्स में मौजूद हीमोग्लोबीन द्वारा पहुंचाया जाता है। शरीर में आयरन की कमी से रेड ब्लड सेल्स और हीमोग्लोबिन के बनने की क्रिया प्रभावित होती है। इससे सेल्स को ऑक्सीजन नहीं मिल पाता जो कार्बोहाड्रेट और वसा को जलाकर एनर्जी पैदा करने के लिए जरूरी है। जिससे बॉडी और ब्रेन की काम करने की क्षमता पर असर पड़ता है इस सिचुएशन को एनीमिया कहते हैं।
कारण: एनीकिया ब्लड से रिलेटेड सबसे आम समस्या है। जो कई प्रकार से होती है, इसके कारण भी अलग-अलग होते हैं।
- ज्यादा ब्लड सेल्स का नष्ट हो जाना।
- रेड ब्लड सेल्स के बनने में कमी। हेमरेज या लगातार खून बहने से कमी।
- फोलेट, विटामिन बी12, विटामिन ‘ए’ की कमी।
- इन्फैक्शन या लंबी बीमारी व आनुवंशिक कारण।
जोखिम ऐसे – एनीमिया किसी को कभी भी हो सकता है, लेकिन जो खासतौर से पहले से ही किडनी, डायबिटीज, हार्ट प्राबल्म, रूमेटाइड, आर्थराइटिस, जैसी बीमारियों का शिकार हैं, उनमें इसकी संभावना ज्यादा होती है। इसमें महिला होना एक बड़ा रिस्क फैक्टर है।
मुख्य लक्षण: कमजोरी और थकान है, एनीमिया लगातार रहना न्यूरोलॉजिकल गड़बड़ी भी करता है, खासकर बच्चों में चिड़चिड़ापन। सीरियस होने पर यह स्ट्रेस का रूप ले लेता है। हार्ट बीट्स सही नहीं रहती है, सांस उखड़ना और चक्कर आना। यह नॉर्मल लक्षण है, लेकिन इसके लगातार रहने पर कई गंभीर लक्षण भी नजर आ सकते हैं। जैसे चेस्ट पेन (एन्जाइना), सिरदर्द या पैरों में दर्द, जीभ में जलन, मुंह और गला सूखना, मुंह के अन्दर गालों पर छालें हो जाना, बाल गिरना, निगलने में तकलीफ, त्वचा, नाखून और मसूढ़ों का पीला पड़ जाना।
रोकथाम
अगर किसी को पीरियड्स के दौरान ब्लीडिंग अधिक हो तो तुरंत डॉक्टर को दिखाएं, क्योंकि इससे शरीर में आयरन में तेजी से कमी आती है। अगर कोई महिला मां बनने वाली है तो वह डॉक्टर की सलाह से आयरन के सप्लीमेंट जरूर लें। समय से पहले जन्में बच्चों में आयरन की कमी हो जाती है। ऐसे बच्चों के खानपान पर विशेष ध्यान दें।
इलाज – एनीमिया का इलाज इसकी सीरियसनेस और कारणों पर निर्भर करता है। एनीमिया को ठीक होने में छह से नौ महीने का समय लगता है। इसमें आयरन, फॉलिक एसिडा और विटामिन बी12 के सप्लीमेंट्स भी लिए जा सकते हैं। आयरन की गंभीर कमी को इंट्रावीनस आयरन थेरैपी के द्वारा ठीक किया जा सकता है। इसमें आयरन, मसल्स या इन्ट्रावीनस लाइन में इंजेक्ट किया जाता है।
सही समय पर जांच
अगर आपको इस तरह के लक्षण दिखाई दें तो तुरन्त डॉक्टरी जांच करवाएं। महिला और पुरूष के शरीर में हीमोग्लोबिन का स्तर अलग – अलग होता है और इसी के हिसाब से जांच की जाती है। इसके अलावा खानपान का ख्याल रखकर इससे निजात पाई जा सकती है।
हीमोग्लोबिन बढ़ाने के उपाय: - चुकन्दर – चुकन्दर में आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है। जो शरीर में खून की कमी को पूरा करता है। सलाद या सब्जी के रूप में इसका सेवन करें।
- ब्रोकली – ब्रोकली में एनीमिया से लड़ने वाले जरूरी तत्व मौजूद होते हैं। ऐसे में इसका सेवन करके शरीर में खून की कमी को पूरा किया जा सकता है।
- अंजीर – खून की कमी को दूरा करने के लिए अंगूर का सेवन करें। इसमें अधिक मात्रा में आयरन होता है जो शरीर में हीमोग्लोबिन बढ़ाने में सहायक है।
- पालक: पालक में मौजूद आयरन को शरीर आसानी से सोख लेता है, जिससे हीमोग्लोबिन बढ़ता है। ऐसे में अपनी डाइट में पालक को जरूर शामिल करें।
- केले के पत्ते – केले के पत्ते एक तरह से गोभी के पत्तों जैसे होते हैं, इसमें विटामिन सी, पोटेशियम और मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स होते हैं जो शरीर में खून की कमी को पूरा करते हैं।

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