समाचार सच, केदारनाथ। उत्तराखंड के केदारनाथ विधानसभा उपचुनाव का प्रचार शनिवार, 18 नवंबर को शाम 5 बजे थम गया। अब प्रत्याशी रैलियां, जनसभाएं और शक्ति प्रदर्शन नहीं कर सकेंगे। चुनाव प्रचार के अंतिम चरण के बाद उम्मीदवार केवल डोर-टू-डोर प्रचार कर मतदाताओं से समर्थन मांग सकते हैं। मतदान 20 नवंबर को होगा, जबकि 23 नवंबर को मतगणना के बाद नतीजे घोषित किए जाएंगे।
केदारनाथ उपचुनाव में कुल 6 प्रत्याशी मैदान में हैं। भाजपा से आशा नौटियाल, कांग्रेस से मनोज रावत, उत्तराखंड क्रांति दल से डॉ. आशुतोष भंडारी और निर्दलीय उम्मीदवार त्रिभुवन चौहान, आरपी सिंह, और प्रदीप रोहन रुढ़िया शामिल हैं।
इस उपचुनाव में 90,875 मतदाता अपना वोट डालेंगे। इनमें 44,919 पुरुष, 45,956 महिलाएं, 1,092 दिव्यांग, और 641 वरिष्ठ नागरिक (85 वर्ष से अधिक) शामिल हैं। पहली बार मतदान करने वाले 2,441 युवा मतदाता भी इस चुनाव में हिस्सा लेंगे।
राज्य निर्वाचन आयोग ने 173 पोलिंग बूथ तैयार किए हैं। इनमें 4 विशेष बूथ (यूथ मैनेज्ड, वूमेन मैनेज्ड, पीडब्ल्यूडी मैनेज्ड और यूनिक पोलिंग बूथ) बनाए गए हैं। इसके अलावा, 10 संवेदनशील बूथों की पहचान की गई है। उपचुनाव के लिए विधानसभा क्षेत्र को 2 जोनल मजिस्ट्रेट और 27 सेक्टर मजिस्ट्रेटों के अंतर्गत बांटा गया है।
प्रचार के थमने के बाद सभी प्रत्याशी अब मतदाताओं से घर-घर जाकर संपर्क कर रहे हैं। भाजपा और कांग्रेस ने इस चुनाव को प्रतिष्ठा की लड़ाई बना दिया है, जबकि अन्य उम्मीदवार भी अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के लिए मेहनत कर रहे हैं।
मतदान के दिन सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहेंगे। निर्वाचन आयोग ने निष्पक्ष और शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के लिए हर संवेदनशील क्षेत्र पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं। अब सभी की निगाहें 20 नवंबर के मतदान और 23 नवंबर को आने वाले नतीजों पर टिकी हैं, जो केदारनाथ की राजनीतिक तस्वीर को नई दिशा देंगे।
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