समाचार सच, हरिद्वार। वैशाखी पर्व पर उत्तराखंड की धर्मनगरी हरिद्वार की हरकी पैड़ी में लाखों श्रद्धालुओं ने गंगा में आस्था की डुबकी लगायी और दान आदि किया। आपको बताते चलें कि बुधवार से ही इस पर्व को मनाने के लिए नगर में श्रद्धालुओं का तांता लगना शुरू हो गया था और 14 अप्रैल तड़के हर की पैड़ी समेत कई घाटों पर स्नान को लेकर अच्छी खासी भीड़ देखने को मिली।
ज्ञात होगा कि कोरोना काल के करीब ढाई वर्ष बाद वैशाखी पर श्रद्धालुओं की भीड़ स्नान के लिए उमड़ी है। सुबह चार बजे से ही हर हर गंगे जय मां गंगे के जयघोष के साथ स्नान का क्रम शुरू हो गया था। जो दिन चला। स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने दान-पुण्य किया। हरकी पैड़ी ब्रह्मकुंड के अलावा अन्य गंगा घाट पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की गंगा स्नान करने के लिए भीड़ उमड़ी। वहीं, गंगा स्नान के लिए पुलिस-प्रशासन की ओर से पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। सुरक्षा के मद्देनजर मेला क्षेत्र को 15 जोन और 38 सेक्टरों में बांटा गया है।
इस पर्व के चलते हरिद्वार में बड़े मेले जैसे माहौल था। एक सप्ताह से ही आश्रमों, धर्मशालाओं व होटलों की बुकिंग फुल गई थी। बुधवार से यहां पार्किंग में वाहनों भारी संख्या नज़र आयी और आज सड़कों, बाज़ारों से लेकर घाटों तक आस्था का हुजूम था। पुलिस का कहना है कि सुरक्षा और आपात स्थितियों जैसे पुख्ता इंतज़ाम किए गए हैं।
मां गंगा की पूजा अर्चना करने के बाद श्रद्धालु दान पुण्य करके पर्व को मना रहे हैं। श्रद्धालुओं का मानना है कि आज के दिन गंगा स्नान के साथ दान पुण्य करना से उनकी मनोकामना पूरी होती हैं और परिवार में सुख शांति प्राप्ति होती है।
मान्यता है कि यह त्योहार नववर्ष की शुरुआत है। इसे स्नान, भोग लगाकर और पूजा करके मनाते हैं। यह मान्यता भी है कि हजारों साल पहले देवी गंगा इसी दिन धरती पर उतरी थीं। उन्हीं के सम्मान में धर्मावलंबी पारंपरिक पवित्र स्नान के लिए गंगा किनारे एकत्र होते हैं तथा इस पर्व को मनाते है।
सबसे पहले ख़बरें पाने के लिए -
👉 हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें
👉 फेसबुक पर जुड़ने हेतु पेज़ लाइक करें
👉 यूट्यूब चैनल सबस्क्राइब करें
हमसे संपर्क करने/विज्ञापन देने हेतु संपर्क करें - +91 70170 85440