भगवान विष्णु ने पैदा की नारद के मन में विवाह की लालसा

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जेही विधि नाथ, हुई हित मोरा करहु सो बेगी, दास मैं तोरा

समाचार सच, हल्द्वानी। कुमाऊं की प्राचीनतम रामलीला मंचन के दूसरे दिन नारद मोह लीला का आनंद दर्शकों ने उठाया। जहां भगवान विष्णु ने देवर्षि नारद के मन में विवाह की लालसा पैदा कर धरती पर बढ़ रहे राक्षसों के विनास की लीला का मंचन किया गया उनके द्वारा रचा गया विश्वमोहिनी का स्वयंवर, शिवगणों तथा भगवान को शाप और नारद का मोह भंग लीला का मंचन हुआ।
व्यास गद्दी पर पंडित गोपाल दत्त शास्त्री जी विराजमान रहे वहीं तबले पर प्रमोद भट्ट ने अपनी थाप दी। स्वरूप और पात्र विष्णु कुणाल पांडे, लक्ष्मी रुद्र बिष्ट, शंकर भगवान वैभव देवल, पार्वती जी विशेष बगड़वाल नारद यश गुप्ता इंद्र भगवान अनुभव मित्तल, कामदेव मेहुल जोशी थे। आज मुख्य रूप से प्रदीप जनौटी, मनोज गुप्ता, मधुकर श्रोत्रिय, हीरालाल साहू, मंजू वार्ष्णेय, स्नेहलता गुप्ता, सुशील शर्मा, सौरभ अग्रवाल, तरंग अग्रवाल, तनुज गुप्ता दिनेश गुप्ता, पंडित रितेश जोशी, निर्मल बिष्ट, दीपू बड़शलिया आदि उपस्थित रहे।

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