24 घंटे में सर्वाधिक 13586 नए मामले सामने आए, 336 लोगों की मौत
समाचार सच, नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटे में 13,586 नए मामले सामने आए हैं और 336 लोगों की मौत हुई है। इसके बाद देशभर में कोरोना पॉजिटिव मामलों की कुल संख्या 3,80,532हो गई है, जिनमें से 1,63,248 सक्रिय मामले हैं, 2,04,711 लोग ठीक हो चुके हैं या उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई है और अब तक 12,573 लोगों की मौत हो चुकी है। तमिलनाडु में कोरोना के बढ़ते मामलों के मद्देनजर चेन्नई के साथ-साथ उसके पड़ोसी जिलों चेंगलपेट, कांचीपुरम और थिरुवल्लूर में 30 जून तक लॉकडाउन जारी रखने का फैसला लिया गया है। इन जिलों में कोरोना पॉजिटिव के मामले लगातार बढ़ते जा रहे हैं।
दुनियाभर के लोग कोरोना वायरस संकट से जूझ रहे हैं। वर्ल्डोमीटर के मुताबिक, पूरी दुनिया में कोरोना से 85 लाख 78 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं, जबकि मरने वालों की संख्या चार लाख 56 हजार के पार पहुंच गई है जबकि 45 लाख 30 हजार से ज्यादा लोग ठीक भी हो चुके हैं। वहीं, दुनियाभर में सबसे ज्याद प्रभावित देश अमेरिका में कोरोना से एक लाख 20 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 22 लाख 63 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हैं।
कैलिफोर्निया में एक दिन में 4,084 मामले सामने आए हैं। यह अब तक एक दिन में सामने आए मामलों की सबसे अधिक संख्या है। यहां के गवर्नर गेविन न्यूसम ने यहां मास्क पहनने को लेकर आदेश जारी किया है। न्यूजीलैंड में बृहस्पतिवार को कोरोना का तीसरा मामला सामने आया है। खुद को वायरस मुक्त घोषित करने वाले दुनिया के पहले देशों में शुमार न्यूजीलैंड में एक बार फिर महामारी अपने पैर पसार रही है। नए मामलों में 60 वर्षीय शख्स को संक्रमित पाया गया है। जिसने 11 जून को दोहा और मेलबर्न के रास्ते पाकिस्तान के लाहौर से उड़ान भरी थी।
चीन की राजधानी बीजिंग कोरोना वायरस का नया केंद्र बनते जा रही है। यहां कोविड-19 के नए मरीजों की संख्या ने चिंता बढ़ा दी है। एक शीर्ष संक्रमण विशेषज्ञ ने कहा है कि गुरुवार को बीजिंग में 21 नए मामले दर्ज किए गए। ऐसे में पिछले सात दिनों में यहां अब तक कोविड-19 के 158 नए मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से सभी मामले दक्षिण-पश्चिमी फेंगताई जिले में एक खाद्य बाजार से संबंधित हैं। चीनी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के निदेशक गाओ फू ने कहा कि इसका प्रकोप संभवत: जून की शुरुआत या मई के अंत में नहीं हुआ बल्कि, शायद एक महीने पहले ही हो गया था। गाओ ने इस सप्ताह शंघाई के एक सेमिनार में कहा, “इस प्रकोप में बहुत सारे एसिंप्टोमेटिक या माइल्ड केस का पता लगाया गया है, जिसके कारण पर्यावरण में वायरस की इतनी बड़ी मात्रा है।” बता दें कि एसिंप्टोमेटिक वो मामले होते हैं जिनमें संक्रमितों में कोरोना वायरस जैसे लक्षण नहीं दिखाई देते हैं। 21 मिलियन आबादी वाले बीजिंग में पिछले सप्ताह के बाद से धीरे-धीरे प्रतिबंधों को खत्म किया जा रहा है। ऐसे में यहां शिनफाडी बाजार से क्लस्टर संक्रमण उभरा है। नए क्लस्टर ने एक बार फिर से चीन के खाद्य बाजारों में स्वच्छता को लेकर दुनियाभर का ध्यान केंद्रित किया है। बता दें कि वुहान के वेट मार्केट जैसा ही यहां हाल है। यहां सीफूड और मांस बाजार से कलस्टर को जोड़ कर देखा जा रहा है। मालूम हो कि वुहान के वेट मार्केट से ही कोरोना वायरस पैदा हुआ, जो दुनियाभर में महामारी बन कर फैल गया।
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