-श्रीराम मन्दिर धर्मशाला में दस दिवसीय आवासीय संस्कृत-बोधन वर्ग का शुभारम्भ

समाचार सच, हल्द्वानी। संस्कृतभारती उत्तरांचल (न्यास) द्वारा यहां बुधवार को दस दिवसीय आवासीय संस्कृत भाषा-बोधन वर्ग शुरू हो गया। यहां रामलीला मोहल्ला निकट श्रीराम मन्दिर धर्मशाला में उक्त शिविर का शुभारम्भ मुख्यअतिथि उत्तराखण्ड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति ओम प्रकाश नेगी, विशिष्ट अतिथि एसपी सिटी अमित श्रीवास्तव एवं कुमांऊ संस्कृत शिक्षा के सहायक निदेशक पदमाकर मिश्र ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्जवलित कर किया।


कार्यक्रम के मुख्य वक्ता संस्कृतभारती के क्षेत्रीय संगठन मंत्री प्रताप सिंह ने कहा कि संस्कृत ऐतिहासिकता की दृष्टि से संसार की सभी भाषाओं की जननी है। इस प्रकार से वेदों की संस्कृत संसार के सब मनुष्यों के सभी प्राचीन ऋषियों व पूर्वजों की मातृ भाषा थी और ईश्वर ही प्रथम पीढ़ी व बाद के सभी मनुष्यों को भाषा व वेदों का ज्ञान देने वाली माता सिद्ध होती है। उनका कहना था कि संस्कृत-देववाणी प्राचीन भाषा है। कुछ कारण के चलते हम सब इस देववाणी से दूर चले गए परन्तु अब समय आ गया है के इसे पुनः जीवित किया जाए।
उद्धाटन समारोह की अध्यक्षता करते हुए धर्मशाला के अध्यक्ष व समाजसेवी वेदप्रकाश अग्रवाल ने कहा कि संस्कृत भाषा एक ऐसी वैज्ञानिक भाषा है जिसे जिस रूप में लिखा जाता है उसी रूप में पढ़ा भी जाता है। उनका कहना था कि संस्कृत में किसी भी शब्द विशेष के लिये 100 से अधिक पर्यायवाची शब्द हैं, शब्द भण्डार व वैज्ञानिकता की दृष्टि से यह भाषा विश्व की सर्वोत्तम भाषा है।
डॉ0 हेमन्त जोशी एवं संस्कृत भारती की प्रान्ताध्यक्षा श्रीमती जानकी त्रिपाठी ने अतिथियों व समस्त आगुन्तकों का आभार व्यक्त करते हुए शिविर की रूपरेखा के बारे में विस्तृत जानकारी दी। कार्यक्रम का संचालन नैनीताल विभाग संयोजक डॉ0 चन्द्र प्रकाश उप्रेती ने किया।
कार्यक्रम में एकल विद्यालय अभियान के सहअध्यक्ष अमरनाथ जोशी, डॉ0 नवीन जोशी, डॉ0 गोपाल दत्त त्रिपाठी, व्यवस्था प्रमुख प्रकाश भट्ट, कैलाश पन्त, हरीश शर्मा, डॉ0 कंचन तिवारी, डॉ0 कैलाश सनवाल, मनोज जोशी, जगदीश जोशी, भाष्कर जोशी, डॉ0 जगदीश पाण्डेय, गिरीश तिवारी आदि संस्कृत प्रेमी उपस्थित थे।




सबसे पहले ख़बरें पाने के लिए -
👉 हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें
👉 फेसबुक पर जुड़ने हेतु पेज़ लाइक करें
👉 यूट्यूब चैनल सबस्क्राइब करें
हमसे संपर्क करने/विज्ञापन देने हेतु संपर्क करें - +91 70170 85440