सीएम के आश्वासन पर वॉलमार्ट को लेकर व्यापारियों का आंदोलन स्थागित

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-मुख्यमंत्री ने व्यापारी प्रतिनिधियों को स्पष्ट कहा कि वॉलमार्ट को रिटेल की अनुमति नहीं दी
-प्रान्तीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मण्डल द्वारा पूरे प्रदेश में 1 सितम्बर से चलाया जा रहा था क्रमबद्ध आंदोलन

समाचार सच, हल्द्वानी। प्रान्तीय उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मण्डल द्वारा वॉलमार्ट के विरोध में पूरे प्रदेश में 1 सितम्बर से चल रहे क्रमबद्ध आंदोलन को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के आश्वासन पर बुधवार को स्थागित कर दिया गया है।

यहां महानगर में बुधवार को आयोजित मण्डल के प्रान्तीय पदाधिकारियों की एक बैठक में अध्यक्षता कर रहे संरक्षक बाबूलाल गुप्ता ने उक्त जानकारी समस्त व्यापारीगणों दी गयी। उन्होंने बताया कि अनिल गोयल व प्रान्तीय पदाधिकारिगण, चमोली जिले के व्यापारी प्रतिनिधि प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत से मिले। सीएम श्री रावत ने वॉलमार्ट के संदर्भ में व्यापारी प्रतिनिधियों को स्पष्ट कहा कि वॉलमार्ट को रिटेल की अनुमति नहींे दी गई है। वह बी टू बी व्यापार करेगा।

बैठक का संचालन करते हुए महामंत्री नवीन वर्मा ने कहा कि मुक्त व्यापार प्रणाली से जहां 100 प्रतिशत एफडीआई लागू होने के बाद आज हम विकसित देशों की व्यापार प्रणाली से स्पर्धा नहीं कर पा रहे हैं क्योंकि हमारे देश का मूलभूत ढांचा परम्परागत बाजार प्रणाली से जुड़ा है जहां उत्पादक व वितरक खरीददार में व्यवसायिक रिश्ता होता हैं हमारी बाजार प्रणाली समाज के धार्मिक, सामाजिक व आपदा जैसी त्रासदियों के लिए हमेशा बढ़चढ़ कर भागीदारी करती है वहीं राष्ट्र निर्माण के लिए हमारे भामासाहों ने अपनी तिजोरियां देश के लिए हमेशा खोल दी हैं। लेकिन हम वर्तमान की व्यवसायिक स्पर्धा में अपने छोटे व्यापारियों के साथ-साथ अपने थोक विक्रेताओं, डिस्ट्रीब्यूटर्स को भी नहीं बचा पा रहे हैं। आज हमारे प्रदेश में रिलायंस; अलीबाबा की सहभागिता के साथ तथा बॉलमार्ट जैसी कम्पनियों को प्रदेश में आमंत्रित करने से हमारी दुर्दशा ईष्ट इण्डिया कम्पनी की तरह ही होने जा रही है जो धीरे-धीरे हमारे रिटेल व्यापार को भी निगल जायेंगी।

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प्रदेश के कोषाध्यक्ष एन.सी. तिवारी ने कहा कि हमें हर हाल में बॉलमार्ट को रोकना चाहिए। प्रमोद गोयल ने भी इस बात की पुष्टि की कि ये अन्तर्राष्ट्रीय कम्पनियां हमारे व्यापार को खत्म करने आ रही है और हमारे ही नेतागण उन्हें आमंत्रित कर रहे हैं। सभी पदाधिकारियों ने आर-पार की लड़ाई का संकल्प लिया और आन्दोलन के लिए प्रदेश अध्यक्ष अनिल गोयल से वार्ता करने का प्रस्ताव दिया।

जीएसटी प्रभारी राजेश अग्रवाल ने कहा कि सरकार की आर्थिक प्रणाली नीतियों के नतीजे यह है कि भारतीय अर्थव्यवस्था बीते छह साल के सबसे निचले स्तर पर है। साल 2019-20 की पहली तिमाही के आंकड़े जारी किए गए जिसके अनुसार आर्थिक विकास पर 5 फीसदी रह गई है। जो बीते वित्तीय वर्ष की इसी तिमाही के दौरान विकास दर 8 प्रतिशत थी। आर्थिक वृद्धि पर (जीडीपी) को ग्रोथ रेट भी कहते हैं। इसका सबसे ज्यादा असर गरीब लोगों पर पड़ता है। भारत में आर्थिक असमानता बहुत ज्यादा है। ग्रोथ रेट में 1 फीसदी की कमी से प्रति व्यक्ति आय 105 रूपये तक घट जाती है। 100 फीसदी एफडीआई से भारत एक डंपिंग ग्राउंड बन जाएगा एवं वॉलमार्ट जैसी पूंजीगत कम्पनियों के आगे भारतीय कम्पनियां प्रतिस्पर्धा में टिक नहीं पाएगी। इससे प्रदेश का स्थानीय परम्परागत व्यापार खत्म होगा एवं रोजगार प्रभावित होगा। आमजन के सामने आर्थिक संकट पैदा होने से भूखमरी की नौबत आएगी एवं बच्चों की शिक्षा तक के लिए संकट उत्पन्न होगा। प्रदेश का समग्र विकास थम जाएगा। बैंक का एनपीए बढ़ जायेगा। प्रदेश में व्यवसाय चौपट हो जाएगा।

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बैठक में संगठन के उपाध्यक्ष प्रमोद गोयल, प्रचार सचिव नवनीत राणा , संगठन मंत्री रूपेन्द्र नागर, नैनीताल जिले के अध्यक्ष विपिन गुप्ता जी एवं जिला महामंत्री हर्षवर्द्धन पाण्डे, लाला जायसवाल, दिनेश अग्रवाल उपस्थित थे।

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