नैनीतालः बनभूलपुरा हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक की जमानत याचिका हाईकोर्ट ने की खारिज

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समाचार सच, हल्द्वानी/नैनीताल। उत्तराखंड हाईकोर्ट की खंडपीठ ने हल्द्वानी के बनभूलपुरा में हिंसा के मुख्य आरोपी अब्दुल मलिक की जमानत याचिका पर सुनवाई करते हुए उसे खारिज कर दिया। मुख्य न्यायाधीश जी. नरेंद्र और वरिष्ठ न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की खंडपीठ ने आदेश दिया कि आरोपी निचली अदालत में जमानत के लिए आवेदन करे।

कोर्ट ने निचली अदालत को निर्देश दिया है कि चार्जशीट और अन्य साक्ष्यों का अवलोकन कर निर्णय पारित किया जाए। साथ ही, पूर्व आदेशों का भी अध्ययन कर निष्पक्षता से निर्णय लेने को कहा गया है। 2 जनवरी को सुनवाई के बाद खंडपीठ ने इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रखा था, जो शुक्रवार, 10 जनवरी को सुनाया गया।

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क्या है मामला?
8 फरवरी 2024 को हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाके में प्रशासन और पुलिस की टीम अतिक्रमण हटाने गई थी। इस दौरान टीम पर पथराव, आगजनी, और गोलीबारी की गई, जिसमें कई लोगों की मौत हुई और 100 से अधिक लोग घायल हुए। पुलिस ने इस हिंसा के मामले में 100 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया, जिनमें अब्दुल मलिक भी शामिल था।

जमानत याचिका में क्या कहा गया?
अब्दुल मलिक ने अपनी जमानत याचिका में कहा कि घटना के दिन वह दिल्ली में था और उसे झूठा फंसाया गया है। उसने तर्क दिया कि अतिक्रमण मामले में उसे पहले ही एकलपीठ से जमानत मिल चुकी है।

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सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता ने की पैरवी
अब्दुल मलिक की ओर से सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सलमान खुर्शीद ने पैरवी की, लेकिन हाईकोर्ट ने उनकी दलीलें खारिज कर दीं। कोर्ट ने आरोपी को निचली अदालत में जमानत के लिए आवेदन करने का निर्देश दिया है।

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