समाचार सच, नई दिल्ली (एजेंसी)। निर्भया रेप और हत्या मामले में राष्ट्पति ने हरी झंडी दी उसके तुरन्त बाद 15वें दिन चारों दोषियों को फांसी दे दिए जाने की पूरी उम्मीद है। एक बात साफ है सभी चारों दोषियों अक्षय पवन मुकेश विनय सबका डेथ वारन्ट एक साथ दिया जाएगा।
इधर इस मामले में तिहाड़ जेल में फांसी की सजा काट रहे आरोपी अक्षय कुमार सिंह ने सुप्रीम कोर्ट में पुनर्विचार याचिका दायर की है। बता दें कि इस मामले में बाकि तीनों दोषियों की पुनर्विचार याचिका सुप्रीम कोर्ट पहले ख़ारिज कर चुका है। इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में चारों दोषियों को फांसी की सज़ा सुनाई थी। सूत्रों का कहना है रिव्यू पिटिशन डालने का अक्षय का कोई फायदा अब नहीं है।
गौरतलब है कि निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या की घटना 16 दिसंबर 2012 को हुई थी।
इसी महीने फंदे पर लटकाए जा सकते हैं निर्भया कांड के दरिंदे, तिहाड़ में हो रही तैयारी
निर्भया केस के एक दोषी पवन जो मंडोली जेल में बंद था इसे रविवार (8 दिसंबर) को तिहाड़ जेल में शिफ्ट कर दिया गया है। अब राष्ट्पति जैसे ही मर्सी खारिज करने का आदेश देते हैं, उसके बाद 14 दिनों के बाद उसे फांसी दे दी जाएगी. राष्ट्पति का आदेश आने के 15वें दिन उसे फांसी पर लटकाया जा सकता है। इसी बीच कोर्ट से ब्लैक वारंट यानि डेथ वारंट जारी कराया जाएगा. विनय के अलावा किसी और दोषी ने मर्सी अर्जी नहीं लगाई है। उनके वकील अगर अब मर्सी लगाने के लिए कोर्ट को कहेंगे तो कोर्ट पर निर्भर करता है पर उम्मीद नहीं है, क्योंकि पहले ही समय दिया जा चूका है।
एक महत्वपूर्ण प्वाइंट वैसे राष्ट्पति से खारिज होने के 14 दिन बाद फांसी दी जाती है, लेकिन अगर केंद्र सरकार और स्टेट को लॉ एन्ड ऑर्डर के हिसाब से फांसी पहले भी दी जा सकती है जरूरी नहीं 14 दिन का इंतजार हो।
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