समाचार सच, पंतनगर (लक्ष्मी प्रसाद डिमरी)। उत्तराखंड के पंतनगर में स्थित जीबी पंत कृषि व प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय का नाम देश के अग्रणी कृषि संस्थानों में शुमार है। विश्वविद्यालय को पंतनगर कृषि विश्वविद्यालय भी कहा जाता है। यह विश्वविद्यालय प्रत्येक वर्ष अखिल भारतीय किसान मेला भी आयोजित करता है। जिसे पंतनगर किसान मेले के नाम से जाना जाता है। इस किसान मेले की लोकप्रियता का आलम यह है कि इसमें देशभर से किसान नई कृषि तकनीकों को सीखने के लिए आते हैं। इस वर्ष भी मेले के आयोजन की तैयारियां शुरू हो गई हैं। जिसके तहत इस वर्ष 4 अक्टूबर से मेले का आयोजन किया जाना है। जिसकी तैयारियां जोर-शोर से शुरू हो गई है। इसके लिए रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू हो गई है। इस प्रक्रिया के तहत बड़ी संख्या में व्यावसायिक फर्म रजिस्ट्रेशन कराने में आगे दिखाई दे रही हैं।
चार दिवसीय किसान मेले का आयोजन
पंतनगर विश्वविद्यालय की तरफ से किसान मेले का आयोजन 4-7 अक्टूबर तक आयोजित होगा। मसलन किसान मेला चार दिवसीय आयोजित किया जाना है। निदेशक प्रसार शिक्षा, डा. जितेन्द्र क्वात्रा ने बताया कि इस 116वें प्रसिद्ध किसान मेले में स्टाल लगाने के लिए व्यावसायिक फर्मों के पंजीकरण प्रारम्भ हो गये हैं। किसान मेले में देश के विभिन्न राज्यों से विभिन्न उत्पादों की बिक्री हेतु बड़ी संख्या में व्यावसायिक फर्म मेले में अपना स्थान सुरक्षित कराने हेतु रजिस्ट्रेशन करा रही हैं. उन्होंने बताया कि मेले में विभिन्न उत्पादों, जैसे कृषि मशीनरी (ट्रैक्टर, कम्बाइन हार्वेस्टर, पावर टिलर, प्लान्टर, सब-स्वायलर, सिंचाई यंत्र व अन्य आधुनिक यंत्र), कृषि रसायन (कीटनाशी, खरपतवारनाशी व रोगनाशी उर्वरक) पशु पोषण व पशुचिकित्सा उत्पाद, औषधीय पौध उत्पाद, बीज एवं पौध इत्यादि से सम्बन्धित फर्म अपने स्टाल लगाकर किसानों को अपने उत्पाद की तकनीकी जानकारी देने के साथ-साथ बिक्री भी करती हैं।
उन्होंने बताया कि इसके अतिरिक्त हस्तकला, ग्रामीण उद्योग, प्रसंस्कृत खाद्य पदार्थ, सूचना एवं प्रौद्योगिकी, घरेलू उत्पाद, सौर ऊर्जा प्रयोग के उत्पाद इत्यादि से सम्बन्धित फर्म भी मेले में अपने स्टाल लगाती हैं। विभिन्न बैंक, कृषि से सम्बन्धित शोध संस्थान, प्रकाषक व अन्य सरकारी व निजी क्षेत्र के संस्थान भी मेले में प्रतिभागिता कर अपनी-अपनी योजनाओं, उपलब्धियों व उत्पादों का प्रचार किसानों व मेले में आये अन्य आगंतुकों के बीच करते हैं।
महिलाएं तकनीकी ज्ञान का आपस में करें स्थानांतरण: कुलपति डॉ0 चौहान
पंतनगर विश्वविद्यालय के कुलपति डा मनमोहन सिंह चौहान ने महिलाओं को तकनीकी ज्ञान का आपस में स्थानांतरण करने की अपील की। एक प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन अवसर पर उन्होंने कहा कि महिलाएं छोटी- छोटी तकनीकें व्यवसाय में एक बड़ा बदलाव लाने में सक्षम होती हैं। महिलाओं ने दुग्ध से उत्पाद यथा श्रीखण्ड पनीर, लस्सी, छेना आदि का जो प्रशिक्षण प्राप्त किया है उसका व्यवसायिक दृष्टि से उत्पादन कर अपनी आमदनी को बढ़ाये। उन्होंने कहा आज स्थानीय स्तर पर घर में बनी हुयी चीजों की मांग बहुत ज्यादा है. महिलाएं इस अवसर का फायदा उठाये. डा. चौहान ने सुझाव दिया कि लस्सी के साथ मडुआ, झंगोरा, कोदो आदि स्थानीय फसलों का प्रयोग कर यदि उत्पाद तैयार किये जाये तो प्रोटीन के साथ-साथ आयरन एवं अन्य पोषक तत्वों की और अधिक उपलब्धता सनिश्च होगी।
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