-प्रधानमंत्री ने किया आंतरिक गर्भगृह में रुद्राभिषेक
-प्रधानमंत्री ने किया आदि गुरु शंकराचार्य समाधि स्थल का दौरा
-मंदाकिनी आस्थापथ और सरस्वती आस्थापथ में चल रहे विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा की
-प्रधानमंत्री ने की केदारनाथ धाम परियोजना के श्रमजीवियों के साथ बातचीत
PM visited Shri Kedarnath and Badrinath Dham
समाचार सच, देहरादून। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उत्तराखंड आगमन पर आज जौलीग्रांट हवाई अड्डे पर राज्यपाल, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूडी भूषण एवं केंद्रीय राज्य रक्षा मंत्री अजय भट्ट ने उनका स्वागत एवं अभिनंदन किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिला में केदारनाथ मंदिर में दर्शन के बाद चमोली में बदरीनाथ धाम पहुंचे। पहले भोलेनाथ शिव और फिर भगवान विष्णु की पूजा-अर्चना की। उत्तराखंड की अपनी दो दिवसीय यात्रा के दौरान मोदी प्रदेश के लिए कई सौगात लेकर पहुंचे हैं।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज केदारनाथ का दौरा किया और श्री केदारनाथ मंदिर में दर्शन और पूजा- अर्चना की। पारंपरिक पहाड़ी पोशाक धारण कर प्रधानमंत्री ने आंतरिक गर्भगृह में रुद्राभिषेक किया और नंदी की प्रतिमा के समक्ष प्रार्थना की। प्रधानमंत्री ने आदि गुरु शंकराचार्य समाधि स्थल का भी दौरा किया और मंदाकिनी आस्थापथ और सरस्वती आस्थापथ में चल रहे विकास कार्यों की प्रगति की समीक्षा की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार सुबह हिमालय पर्वत की गोद में उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जिले में स्थित भगवान शिव के पांचवें ज्योतर्लिंग श्री केदारनाथ धाम पहुंचे। दो दिवसीय यात्रा पर आए मोदी यहां प्रधानमंत्री बनने के बाद छठी बार आए हैं और पूजा-अर्चना और रुद्राभिषेक के बाद गौरीकुंड से धाम तक बनने वाले रोप वे की आधारशिला रखी। प्रधानमंत्री ने आज श्री केदारनाथ धाम में रुद्राभिषेक करके सबकी सुख एवं समृद्धि की कामना की और आदिगुरु शंकराचार्य की समाधि स्थल के दर्शन भी किए। उनके साथ राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से.नि.) और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी भी मौजूद थे। मोदी ने इस अवसर पर गौरीकुंड से केदारनाथ के लिए रोपवे का शिलान्यास किया। 1267 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले 9.7 किमी. के इस रोपवे के बनने से श्रद्धालुओं को बाबा केदार के दर्शन के लिए आसानी होगी। गौरीकुंड से श्री केदारनाथ पहुंचने में अभी श्रद्धालुओं को 7-8 घंटे लगते हैं। इस रोपवे के बन जाने से यह यात्रा सिर्फ आधा घंटे में पूरी हो जाएगी। इसके बाद पीएम मोदी ने मंदाकिनी आस्था पथ और सरस्वती आस्था पथ पर जाकर विकास कार्यों का निरीक्षण किया। प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर श्री केदारनाथ में चल रहे अलग-अलग विकास कार्यों का जायजा भी लिया। राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें अलग-अलग विकास कार्यों की प्रगति की जानकारी दी। प्रधानमंत्री ने श्री केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यों में लगे मजदूरों के साथ बैठकर उनसे मुलाकात की और उनका हौंसला बढ़ाया।
केदारनाथ सबसे महत्वपूर्ण हिंदू मंदिरों में से एक है। यह क्षेत्र सिखों के पवित्र तीर्थ स्थलों में से एक – हेमकुंड साहिब के लिए भी विख्घ्यात है। संचालित की जा रही कनेक्टिविटी परियोजनाएं धार्मिक महत्व के स्थलों तक पहुंच को सुगम बनाने और बुनियादी ढांचे में सुधार लाने के प्रति प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं। इस अवसर पर उत्तराखंड के मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी और उत्तराखंड के राज्यपाल सेवानिवृत्त जनरल गुरमीत सिंह भी प्रधानमंत्री के साथ थे। इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री प्रेम चंद्र अग्रवाल, विधायक शैला रानी रावत, मुख्य सचिव डॉ. एस. एस संधू, जिलाधिकारी रुद्रप्रयाग मयूर दीक्षित, एसपी आयुष अग्रवाल, तीर्थ पुरोहित विनोद शुक्ला, लक्ष्मी नारायण, कुबेर नाथ एवं अन्य लोग मौजूद रहे। पीएम ने 9.7 किलोमीटर लंबे गौरीकुंड-केदारनाथ रोपवे की आधारशिला रखी। इससे 8 घंटे का मुश्किल सफर महज 30 मिनट में पूरा हो जाएगा।
बदरी विशाल की पूजा करने के बाद पीएम देश के आखिरी गांव माणा पहुंचे। यहां उन्होंने चार परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इसके बाद लोगों को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि बाबा केदार और बदरी विशाल के दर्शन करके मेरा जीवन धन्घ्य हो गया। उन्होंने लोगों से यात्रा के खर्च के पांच प्रतिशत हिस्से से स्थानीय उत्पाद खरीदने की अपील की। विपक्ष पर निशाना साधते हुए पीएम ने कहा कि आध्यात्मिक केंद्र की पहले उपेक्षा की जाती थी। राम मंदिर, सोमनाथ को लेकर क्या हुआ ये सब जानते हैं। यदि पहले की सरकारें होती तो पहाड़ तक कोरोना वैक्सीन नहीं पहुंच पाती। उन्होंने कहा कि हम आधुनिक कनेक्टिविटी के लिए एक के बाद एक कदम उठा रहे हैं।
पहाड़ी राज्यों में मल्टी कनेक्टिविटी पर जोर दिया जा रहा है। इससे हमारे फौजी भाईयों के लिए बॉर्डर तक पहुंचना आसान होगा। एक संवेदनशील सरकार, गरीबों का दुख-दर्द समझने वाली सरकार कैसे काम करती है, आज देश के हर कोने में लोग अनुभव कर रहे हैं। हिमाचल में उत्तराखंड के विकास की चर्चा हो रही है। जैसे उत्तराखंड ने जबल इंजन की सरकार को दोबारा मौका दिया है इससे हिमाचल को प्रेरणा मिली है। मैं बहुत भाग्यवान हूं, ये माताएं-बहनें मुझे आशीर्वाद देती हैं।
अयोध्या में इतना भव्य राममंदिर बन रहा है, गुजरात के पावागढ़ में मां कालिका के मंदिर से लेकर विन्ध्याचल देवी के कॉरिडोर तक, भारत अपने सांस्कृतिक उत्थान का आह्वान कर रहा है। पहले जिन इलाकों को देश की सीमाओं का अंत मानकर नजरअंदाज किया जाता था, हमने वहां से समृद्धि का आरंभ मानकर काम शुरू किया। पहले देश का आखिरी गांव जानकर जिसकी उपेक्षा की जाती थी, हमने वहां के लोगों की अपेक्षाओं पर फोकस किया। अब सागरमाला और भारतमाला की तरह पर्वतमाला पर काम शुरू होने वाला है। जो गांव छोड़कर गए हैं वो वापस आ जाएं, ऐसा मुझे करना है।
अगर पहले की सरकार होती तो यहां कोरोना की वैक्सीन नहीं आती। लेकिन ये मोदी है मैंने कहा कि पहाड़ तक वैक्सीन पहुंचनी चाहिए। मुझे खुशी है कि उत्तराखंड और हिमाचल के लोगों ने सबसे पहले वैक्सीनेशन का कार्य किया। डबल इंजन की सरकार के कारण उत्तराखंड में विकास होने लगा है। इससे पलायन कर चुके लोग वापस आ रहे हैं। डबल इंजन की सरकार होम स्टे की सुविधा बनाने के लिए आर्थिक सहायता दे रही है। पहाड़ी लोगों के ईज ऑफ लिविंग को बढ़ाना है। कनेक्टिविटी के बिना पहाड़ जैसा जीवन पहाड़ बन जाता है। हमारी सरकार इसपर काम कर रही है। विकास कार्यों में तेजी आ रही है।
आज मैं देशवासियों से एक प्रार्थना करता हूं कि आप यात्रा पर जितना खर्च करते हैं उसके पांच प्रतिशत से आप स्थानीय उत्पाद जरूर खरीदें। इससे वहां के लोगों को रोजी-रोटी मिलेगी। इससे आपके जीवन में आनंद और संतोष होगा। पहाड़ के लोगों की पहली पहचान यही होती है वे बहुत मेहनती होती हैं। वे संकटों के बीच जीना सीख लेते हैं। पहले की सरकारों ने उनके सामर्थ्य को उनके खिलाफ इस्तेमाल किया। उनका पहाड़ जैसा हौसला है उन्हें किसी चीज की जरूरत नहीं है। यह उनके साथ अन्याय था। मेहनती हैं तो क्या हुआ उन्हें भी सुविधाओं की जरूरत है। मुझे इस अन्याय को खत्म करना ही थी। हमने पहाड़ की चुनौतियों को हल करने की कोशिश की है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रिमोट का बटन दबाकर चार नई परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इसमें रोपवे का निर्माण और सड़क परियोजनाएं शामिल हैं।अब विकास योजनाओं का वृत चित्र भी जनसभा स्थल में दिखाया जा रहा है।
देश की आजादी के 75 साल पूरे होने पर मैंने लाल किले पर एक आवाहन किया, ये आवाहन हैं गुलामी की मानसिकता से पूरी तरह मुक्ति का। ऐसा इसलिए, क्योंकि आजादी के इतने वर्षों बाद भी, हमारे देश को गुलामी की मानसिकता ने ऐसा जकड़ा हुआ है कि प्रगति का कुछ कार्य कुछ लोगों को अपराध की तरह लगता है। राम मंदिर और सोमनाथ में क्या हुआ यह सब जानते हैं। दशकों तक हमारे आध्यात्मिक केंद्रों की दशा खराब थी।
पीएम मोदी ने कहा कि रोपवे बनने से समय बचेगा और भक्ति में और ज्यादा मन लगेगा। यहां काम करना कठिन होता है। ऊंचाई पर जाकर काम करना होता है। भगवान से प्रार्थना करें कि कोई अनहोनी ना हो जाए। काम करने वाले लोगों को मजदूर मत समझना, वो परमात्मा की सेवा कर रहे हैं। उन्हें अपनी संतान, भाई-बहनों की तरह संभालना। मैंने आज श्रमिकों और इंजीनियर्स से बात की। उन्होंने कहा कि हम तो भगवान की सेवा कर रहे हैं, यह हमारा तरीका है।
आज बाबा केदार और बदरी विशाल के दर्शन करके मन प्रसन्न हो गया और जीवन धन्य हो गया। ये मेरा सौभाग्य है कि आज मुझे आप सभी के दर्शन करने का मौका मिल है। जैसे की सीएम ने इच्छा प्रकट की। अब मेरे लिए भी सीमा पर बसा हर गांव पहला गांव ही है। आज से 25 साल पहले जब मैं उत्तराखंड में बीजेपी के कार्यकर्ता के तौर पर काम करता था, तब उस समय माणा गांव में मैंने बीजेपी कार्यसमिति की बैठक बुलाई थी। ये माणा गांव के मिट्टी की ताकत है कि आपका आशीर्वाद बना हुआ है। हमें सेवा का दोबारा मौका देने के लिए मैं आपका आभार व्यक्त करता हूं।
सीएम धामी ने कहा कि अबतक 45 लाख यात्री चारधाम की यात्रा कर चुके हैं। इस बार कांवड़ यात्रा में सारे रिकॉर्ड टूट गए। चार करोड़ शिवभक्त मां गंगा का जल लेकर गए हैं। आपके नेतृत्व में भारत का सनातन पुनर्जीवित हो रहा है। नए भारत को गढ़ने का का काम मोदी जी के नेतृत्व में हो रहा है। आज विश्व समस्याओं के समाधान के लिए दुनिया भारत की ओर देख रही है। आज पूछना नहीं पड़ता, गोलियों का जवाब गोलियों से दिया जाता है। माणा की जनसभा में पीएम मोदी के स्वागत भाषण में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उन्हें महामानव और महामुनि बताया। उन्होंने कहा आपका उत्तराखंड के प्रति प्रेम किसी से छुपा नहीं है। पीएम मोदी के नेतृत्व में हम धर्म और संस्कृति का पर्व मना रहे हैं। भव्य और दिव्य केदार बनने वाला है। बदरीनाथ में भी मास्टर प्लान पर काम हो रहा है। आज अगर भव्य और दिव्य राम मंदिर बन रहा है तो ऐसा पीएम मोदी के नेतृत्व में हो रहा है। भारत तिब्बत चीन सीमा पर स्थित भारत के सीमांत गांव माणा की जनसभा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहुंचने पर ग्रामीणों ने उनका अभिनंदन किया। उन्हें ऊन के स्वनिर्मित वस्त्र भेंट किए गए। पीएम मोदी ने माणा गांव में सरस मेले का अवलोकन किया। उन्होंने स्थानीय लोगों से लोकल उत्पादों की जानकारी ली। पीएम ने स्थानीय शिल्पकारों और उद्यमियों से संवाद किया। इस दौरान महिलाएं स्थानीय वेशभूषा में दिखीं। पीएम के माणा पहुंचने पर माणा की महिलाओं ने दांकुडी नृत्य से उनका अभिनंदन किया।
पीएम मोदी बाबा केदारनाथ और बदरी विशाल के दर्शन को ऐसे समय पर पहुंचे हैं, जब हिमाचल प्रदेश में चुनाव की तारीखों का ऐलान हो चुका है। गुजरात में भी जल्द ही बिगुल बज सकता है। ऐसे में पीएम मोदी की यात्रा में भी राजनीतिक कनेक्शन तलाशे जा रहे हैं। प्रतीकों की राजनीति में बेहद माहिर पीएम मोदी के कपड़ों को लेकर भी खूब चर्चा हो रही है, जिसका कनेक्शन चुनावी राज्य हिमाचल से है। पीएम मोदी केदारनाथ धाम में हेलिकॉप्टर से उतरे तो श्चोला डोराश् में नजर आए। बताया जा रहा है कि इस परिधान को हिमाचल के चंबा में रहने वाली एक महिला ने तैयार किया था। उन्होंने इसे बतौर उपहार पीएम को भेंट किया था। पीएम मोदी ने इसे स्वीकार करते हुए वादा किया था कि किसी खास मौके पर वह इसे पहनेंगे। इस परिधान को पीएम मोदी ने उत्तराखंड में पहनकर एक पहाड़ से दूसरे पहाड़ तक संदेश भेज दिया है।
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