समाचार सच, हल्द्वानी। बनभूलपुरा हिंसा मामले में कुछ आरोपियों की जमानत होने पर सोशल मीडिया और समाचार पत्रों में यह दावा किया जा रहा है कि पुलिस ने चार्जशीट समय पर फाइल नहीं की, जिसके कारण अभियुक्तों को जमानत मिली। हम यह स्पष्ट करना चाहते हैं कि यह दावा पूरी तरह से तथ्यहीन और भ्रामक है।
यूएपीए के सेक्शन 43(डी) के तहत विवेचक को 90 दिन के भीतर रिमांड अवधि बढ़ाने के लिए आवेदन करने का अधिकार प्राप्त है। इस प्रावधान का पालन करते हुए, अधीनस्थ न्यायालय ने रिमांड की अवधि 90 दिन से बढ़ाकर 180 दिन कर दी थी। इसके बावजूद, पुलिस ने 180 दिन की अवधि से पहले ही चार्जशीट फाइल कर दी थी।
अतः, पुलिस द्वारा समय पर चार्जशीट फाइल नहीं करने की खबरें असत्य और भ्रामक हैं। नैनीताल पुलिस इन भ्रामक और असत्य खबरों का खंडन करती है और आम जनता से अनुरोध करती है कि वे सत्यता पर आधारित सूचनाओं पर ही विश्वास करें।
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