शरद पूर्णिमा 2024: आखिर शारद पूर्णिमा के दिन क्यों खाई जाती है खीर? जानें इसके फायदे

खबर शेयर करें

समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। धार्मिक मान्यता के अनुसार, शारद पूर्णिमा के दिन देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर आती हैं और इसलिए, इस दिन को कोजागुरी पूर्णिमा के रूप में भी जाना जाता है। इस पवित्र समय के दौरान खीर एक विशेष पारंपरिक व्यंजन है जिसका उपयोग अनुष्ठान करने के लिए किया जाता है। हालांकि, क्या आप जानते हैं खीर खाने के फायदे?

सनातन धर्म में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व माना जाता है। हर साल आश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को मनाया जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, साल में कुल 12 पूर्णिमा आती हैं, लेकिन शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व है। इस दिन को रास पूर्णिमा और कोजागरी पूर्णिमा के नाम से भी जाना जाता है। लोगों का मानना है कि शरद पूर्णिमा की रात को भगवान कृष्ण ने गोपियों के साथ पवित्र महा रास अनुष्ठान किया था, इसीलिए इसे रास पूर्णिमा कहा जाता है।

धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन देवी लक्ष्मी पृथ्वी पर आती हैं और इसलिए, इस दिन को कोजागुरी पूर्णिमा के रूप में भी जाना जाता है। इस पवित्र समय के दौरान खीर एक विशेष पारंपरिक व्यंजन है जिसका उपयोग अनुष्ठान करने के लिए किया जाता है। हालांकि, क्या आप जानते हैं खीर खाने के फायदे? ज्योतिषी ने बताए इसके कई फायदे, आइए जानते हैं।

यह भी पढ़ें -   हरिद्वार जिले में यूपी पुलिस इंस्पेक्टर की कार का ट्रक से टकराई, पत्नी गंभीर रूप से घायल

कब है शारद पूर्णिमा?
हिंदू पंचांग के अनुसार, इस साल आश्विन शुक्ल पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त 16 अक्टूबर, बुधवार को रात 8.40 बजे शुरू होगा और 17 अक्टूबर को शाम 4.55 बजे तक रहेगा। इसलिए शरद पूर्णिमा 16 अक्टूबर को मनाई जाएगी।

  • 16 अक्टूबर को चंद्रोदय शाम 5.15 बजे होगा। परंपरागत रूप से खीर को खुले आसमान के नीचे रखना चाहिए। इस साल खीर रखने का आदर्श समय रात 8.40 बजे से शुरू होता है।

शरद पूर्णिमा के दौरान खीर का सेवन क्यों फायदेमंद माना जाता है?

  • मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है
  • इस दिन आप घर में खीर बनाकर मां लक्ष्मी को भोग लगाएं। इसके बाद आप खीर का सेवन कर सकते हैं। इससे देवी लक्ष्मी खुश होती है।

कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है
जो व्यक्ति शारद पूर्णिमा के दिन खीर का सेवन करता है, तो जातक की कुंडली में चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है। माना जाता है कि दूध, चीनी और चावल का संबंध चंद्रमा से है। यदि आप शारद पूर्णिमा के दिन खीर बनाकर दान करते हैं तो इससे आपकी कुंडली से चंद्र दोष दूर होता है।

यह भी पढ़ें -   उत्तराखंड स्वास्थ्य विभाग ने दंत चिकित्सा अधिकारियों को एसडीएसीपी की बड़ी सौगात दी

स्वास्थ्य सुधार में सहायक
धार्मिक मान्यता के अनुसार, शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा की रोशनी में औषधीय गुण होते हैं। जब चंद्रमा की रोशनी खीर पर पड़ती है तो वह इन गुणों को सोख लेती है। इस खीर को खाने से स्वस्थ जीवन जीने में मदद मिलती है।

बीमारियों से छुटकारा मिलता है
शरद पूर्णिमा के दिन खीर का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद माना जाता है क्योंकि इससे कई बीमारियों से छुटकारा मिलता है।

प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है
इस दिन आप खीर को चांद की रोशनी में चांदी के बर्तन में रखें और फिर इसका सेवन करें। कहा जाता है कि इस खीर का सेवन करने से शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है।

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad

सबसे पहले ख़बरें पाने के लिए -

👉 हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें

👉 फेसबुक पर जुड़ने हेतु पेज़ लाइक करें

👉 यूट्यूब चैनल सबस्क्राइब करें

हमसे संपर्क करने/विज्ञापन देने हेतु संपर्क करें - +91 70170 85440