समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। आज़ दिनांक १६ मई २०२५ शुक्रवार का पंचांग श्रीसंवत २०२५ श्रीशाके १९४७ श्री सूर्य उत्तरायण ग्रीष्म ऋतु वृषार्क २ गते ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि शुक्रवार सूर्याेदय ५/२२ बजे सूर्यास्त ६/५६ बजे राहु काल १०/३० बजे…

समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। आज़ दिनांक १६ मई २०२५ शुक्रवार का पंचांग श्रीसंवत २०२५ श्रीशाके १९४७ श्री सूर्य उत्तरायण ग्रीष्म ऋतु वृषार्क २ गते ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष चतुर्थी तिथि शुक्रवार सूर्याेदय ५/२२ बजे सूर्यास्त ६/५६ बजे राहु काल १०/३० बजे…
समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। कोई बच्चा जब जन्म लेता है, तो जन्म के समय के हिसाब से उसकी कुंडली बनाई जाती है। कुंडली में उसके भूत, भविष्य और वर्तमान का लेखा-जोखा होता है। इससे उसकी आदतों, पढ़ाई, आर्थिक स्थिति आदि…
समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। आज़ दिनांक १५ मई २०२५ बृहस्पतिवार का पंचांग श्रीसंवत २०२५ श्रीशाके १९४७ श्री सूर्य उत्तरायण ग्रीष्म ऋतु वृषार्क १ गते ज्येष्ठ कृष्ण पक्ष तृतीया तिथि बृहस्पतिवार सूर्याेदय ५/२३ बजे सूर्यास्त ६/५६ बजे राहु काल १/३० बजे…
समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। अंक ज्योतिष के अनुसार जिन लोगों का जन्म किसी भी महीने की 2, 11, 20 या 29 तारीख को होता है, उनका मूलांक 2 माना जाता है। यह अंक चंद्रमा से जुड़ा हुआ होता है, और…
समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। रविवार, 27 अप्रैल को वैशाख मास की अमावस्या है, इसे सतुवाई अमावस्या कहा जाता है। इस तिथि पर पूजा-पाठ के साथ ही दान-पुण्य और पितरों के लिए धूप-ध्यान करने की परंपरा है। ज्योतिष में सूर्य को…
समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। आज़ दिनांक १४ अप्रैल २०२५ सोमवार का पंचांग श्रीसंवत २०८२ श्रीशाके १९४७ श्री सूर्य उत्तरायण बसन्त ऋतु मेषार्क १ गते वैशाख कृष्ण पक्ष द्वितीया तिथि सोमवार सूर्याेदय ५/५० बजे सूर्यास्त ६/३६ बजे राहु काल ७/३० बजे…
समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। चैत्र माह की पूर्णिमा के दिन हनुमान जयंती मनाई जाती है। इस बार 12 अप्रैल को हनुमान जयंती रहेगी। हनुमान जयंती पर यदि आप हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ कर रहे हैं तो इसे पढ़ने…
समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। अष्टमी तिथि, विशेष रूप से नवरात्रि की दुर्गाष्टमी, देवी दुर्गा की उपासना के लिए अत्यंत शुभ मानी जाती है। इस दिन माता दुर्गा के महागौरी स्वरूप की पूजा की जाती है, जो शांति, सौंदर्य और करुणा…
समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। नवरात्रि का पर्व शक्ति और भक्ति का प्रतीक है। इस दौरान देवी दुर्गा के नौ स्वरूपों की आराधना की जाती है और विविध पूजन सामग्रियों का विशेष महत्व होता है। इन्हीं में से एक महत्वपूर्ण पूजन…