समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। जब कोई पैदा होता है तो खुशी काफी होती है, लेकिन कुदरत का ये नियम है कि जो इस दुनिया में आया है उसे कभी न कभी जाना ही है। इंसान की अंतिम यात्रा में उसे जानने वाला हर शख्स जाता है। अलग-अलग धर्मों के हिसाब से अलग-अलग क्रिया की जाती है। लेकिन आपने एक चीज ध्यान दी होगी कि किसी व्यक्ति के दाह संस्कार के बाद जब कोई व्यक्ति अपने घर वापस आता है, तो वो सबसे पहले नहाता है। लेकिन कभी आपने सोचा है कि वो ऐसा क्यों करता है। चलिए आपको इसके पीछे का धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों कारण बताते हैं।


ये है धार्मिक कारण
अंतिम यात्रा के हर धर्म में अपने-अपने रीति रिवाज हैं। ऐसे ही कुछ नियम हिंदू धर्म में भी हैं। जब किसी भी मृत व्यक्ति की शव यात्रा निकाली जाती है तो उसके दाह संस्कार के बाद शव यात्रा में शामिल हुए सभी लोग नहाते हैं। बात धार्मिक कारण की करें तो कहा जाता है कि श्मशान घाट पर लगातार दाह संस्कार होने पर वहां एक तरह की नकारात्मक ऊर्जा होती है, जो कि इंसान को हानि भी पहुंचा सकती है। यही नहां कहा ये भी जाता है कि दाह संस्कार के कुछ वक्त तक मरे हुए व्यक्ति की आत्मा वहां मौजूद रहती है। ऐसे में अंतिम संस्कार में शामिल हुए लोग दाह संस्कार पूरा होने के बाद नहाकर खुद को नकारात्मक ऊर्जा से मुक्त करते हैं।
वैज्ञानिक कारण भी जान लीजिए
हर चीज के दो पहलू होते हैं, जैसे कि ऊपर हमने आपको धार्मिक कारण बाताया कि अंतिम यात्रा के बाद लोग क्यों नहाते हैं। वहीं अब बात इसके वैज्ञानिक कारण की करते हैं। इस मामले में विज्ञान मानता है कि किसी भी व्यक्ति की मौत हो जाती है तो उसके शव में कई बैक्टीरिया हावी हो जाते हैं और ऐसे में ये बैक्टीरिया शव के संपर्क में आने वाले दूसरे व्यक्तियों के शरीर में भी फैल सकते हैं। ऐसे में अंतिम संस्कार के बाद नहाना इसलिए नहाना जरूरी माना जाता है ताकि शरीर किसी बैक्टीरिया की चपेट में ना आए और नहा लेने से संक्रामक कीटाणु पानी के साथ ही बह जाएं। इसलिए इंसान को अंतिम संस्कार प्रक्रिया के बाद नहाना चाहिए।

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