समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। वैसे तो हफ्ते में हर एक दिन किसी ना किसी भगवान को समर्पित होता है, जैसे सूर्य देव की पूजा रविवार को खासतौर पर की जाती है। वैसे हर दिन सुबह उन्हें जल अर्पित किया जाता है लेकिन रविवार को इसका खास महत्व है। आईए हम आपको सूर्य देव पर जल चढ़ाते वक्त पढ़े जाने वाले मंत्र के बारे में बताते हैं, साथ ही पूजा विधि से भी अवगत कराते हैं।
आइए जानते हैं सूर्य देवता की पूजन विधि
- सुबह उठकर स्नान-ध्यान करने के बाद तांबे या पीतल के लोटे में जल लेकर लाल रोली, लाल फूल मिला कर ऊँ घृणि सूर्याय नमः का जाप करते हुए सूर्य देवता को जल चढ़ाने से लाभ मिलता है।
- साथ में एक दीपक जलाकर सूर्य देवता का ध्यान करें।
- ऊँ सूर्याय नमः मंत्र का जप करते हुए सूर्य को प्रणाम करें,
- अर्घ्य देते समय नजरें लोटे के जल की धारा की ओर रखें। जल की धारा में सूर्य का प्रतिबिम्ब एक बिन्दु के रूप में जल की धारा में दिखाई देगा।
- सूर्य को अर्घ्य समर्पित करते समय दोनों भुजाओं को इतना ऊपर उठाएं कि जल की धारा में सूर्य का प्रतिबिंब दिखाई दे। सूर्य देव की आरती करें। सात प्रदक्षिणा करें व हाथ जोड़कर प्रणाम करें।
ये पांच मंत्र जाप करने से मिलता है मनचाहा फल, ऐसा भी कहते हैं कि ये मंत्र 108 बार जाप करने से मन इच्छा फल की प्राप्ति होती है
- ऊँ हृीं हृीं सूर्याय नमः।
- ऊँ हृीं हृीं सूर्याय सहस्रकिरणराय मनोवांछित फलम् देहि देहि स्वाहा।।
- ऊँ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्त्या, गृहाणार्घय दिवाकररू।
- ऊँ हृीं घृणिः सूर्य आदित्यः क्लीं ऊँ।
- ऊं घृणिं सूर्यः आदित्यः।

सबसे पहले ख़बरें पाने के लिए -
👉 हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें
👉 फेसबुक पर जुड़ने हेतु पेज़ लाइक करें
👉 यूट्यूब चैनल सबस्क्राइब करें
हमसे संपर्क करने/विज्ञापन देने हेतु संपर्क करें - +91 70170 85440