डिजिटल अरेस्ट की आड़ में बुजुर्ग से 7.2 लाख की ठगी, उत्तराखंड पुलिस ने ऐसे ढूंढ निकाला ठगों का गिरोह!

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समाचार सच, अल्मोड़ा, उत्तराखंड। सावधान! साइबर ठगों ने अब बुजुर्गों को निशाना बनाना शुरू कर दिया है। उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में एक 70 वर्षीय बुजुर्ग के साथ हुई चौंकाने वाली ठगी ने सबको हैरान कर दिया। खुद को सीबीआई अधिकारी बताकर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाया और 7 लाख 20 हजार रुपये ठग लिए। लेकिन उत्तराखंड पुलिस ने अपनी तेज-तर्रार कार्रवाई से ठगों को मध्य प्रदेश से धर दबोचा। आइए जानते हैं इस सनसनीखेज मामले की पूरी कहानी!

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क्या है पूरा मामला?
13 जनवरी 2025 को अल्मोड़ा के लमगड़ा क्षेत्र में रहने वाले 70 वर्षीय जीवन सिंह मेहता को एक वीडियो कॉल आया। कॉल करने वाले ने खुद को सीबीआई अधिकारी बताया और दावा किया कि उनके आधार और पैन कार्ड का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग में हुआ है। ठगों ने बुजुर्ग को डिजिटल अरेस्ट का झांसा दिया और धमकाया कि अगर उन्होंने किसी से बात की या आदेश नहीं माने, तो उनकी गिरफ्तारी या एनकाउंटर हो सकता है।

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पांच दिन तक लगातार वीडियो कॉल पर डर का माहौल बनाए रखा गया। इस दौरान ठगों ने कथित जांच के नाम पर तीन किस्तों में कुल 7,20,000 रुपये उनके बैंक खातों से अलग-अलग खातों में ट्रांसफर करवा लिए। जब पैसे वापस नहीं आए और ठगों का संपर्क टूट गया, तब जीवन सिंह ने 21 फरवरी को लमगड़ा थाने में शिकायत दर्ज की।

उत्तराखंड पुलिस की शानदार कार्रवाई
मामले की गंभीरता को देखते हुए अल्मोड़ा के एसएसपी देवेंद्र पींचा ने लमगड़ा थाना, एसओजी और साइबर सेल की एक विशेष टीम गठित की। तकनीकी विश्लेषण और डिजिटल सुरागों की मदद से पुलिस ने मध्य प्रदेश के खरगौन जिले में छापा मारा और 21 अप्रैल को गिरोह के दो मुख्य सदस्योंकृसंतोष गुर्जर और कपिल सोनीकृको गिरफ्तार कर लिया।

पूछताछ में खुलासा हुआ कि यह गिरोह पूरे देश में बुजुर्गों को निशाना बनाकर डिजिटल अरेस्ट का डर दिखाता था। गिरोह के बाकी सदस्यों और उनके नेटवर्क की तलाश में पुलिस की जांच जारी है।

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पुलिस टीम को मिला इनाम
इस शानदार सफलता के लिए एसएसपी अल्मोड़ा ने पुलिस टीम को 10,000 रुपये का नकद इनाम देने की घोषणा की। इस ऑपरेशन में लमगड़ा थानाध्यक्ष राहुल राठी, एसओजी प्रभारी भुवन जोशी, साइबर सेल प्रभारी कुमकुम धानिक, चौकी प्रभारी उपनिरीक्षक दिनेश परिहार और कांस्टेबल परवेज अली शामिल थे।

साइबर ठगी से कैसे बचें?
-अज्ञात कॉल्स से सावधान रहेंः कोई भी सरकारी अधिकारी फोन पर डिजिटल अरेस्ट की धमकी नहीं देता।
-पर्सनल जानकारी न देंः आधार, पैन या बैंक डिटेल्स कभी भी फोन पर शेयर न करें।
-शक होने पर पुलिस से संपर्क करेंः तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन या साइबर सेल में शिकायत करें।
-परिवार को बताएंः खासकर बुजुर्गों को ऐसी ठगी के बारे में जागरूक करें।

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