विश्वविद्यालयों में लागू होगा समान शैक्षिक कैलेंडर: डॉ0 धन सिंह रावत

खबर शेयर करें

सूबे में शिक्षा की गुणवत्ता को नैक मूल्यांकन कराना होगा अनिवार्य
Uniform academic calendar will be implemented in universities: Dr. Dhan Singh Rawat

समाचार सच, देहरादून। सूबे में बेहतर शैक्षिक वातावरण विकसित करने के उद्देश्य से सभी राजकीय विश्वविद्यालयों में एक जैसा शैक्षणिक कैलेंडर लागू किया जायेगा। जिसके अंतर्गत विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में छात्रों के लिये एक प्रवेश, एक परीक्षा, एक परिणाम, एक चुनाव एवं एक दीक्षांत समारोह की थीम पर कार्य करते हुये एकरूपता लाई जायेगी। जिससे छात्र-छात्राओं का समय बचने के साथ ही अन्यत्र संस्थानों में प्रवेश लेने के लिये सहूलियत रहेगी। इसके अलावा उच्च शिक्षा में गुणात्मक सुधार लाने के लिये सभी शिक्षण संस्थानों को नैक मूल्यांकन कराना अनिवार्य होगा, इसके लिये कार्यशालाओं के माध्यम ये प्रशिक्षण की व्यवस्था भी की गई है। सूबे के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने आज सचिवालय स्थित डीएमएमसी सभागार में उच्च शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक ली, जिसमें निदेशक उच्च शिक्षा के साथ ही प्रदेश के सभी राजकीय विश्वविद्यालयों के कुलपति, कुलसचिव एवं परीक्षा नियंत्रक उपस्थित रहे।

Ad Ad

बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि राज्य में समयबद्ध एवं गुणवत्तपरक शैक्षणिक वातावरण तैयार करने के लिये सभी विश्वविद्यालयों में प्रवेश की तिथि, परीक्षा एवं परीक्षा परिणाम, छात्र संघ चुनाव व दीक्षांत समारोह के लिये समान एकेडमिक कैलेंडर लागू किया जायेगा। इसके लिये सभी विश्वविद्यालयों के कुलपति आपस में बैठकर दो सप्ताह में शैक्षणिक कैलेंडर का ड्राफ्ट तैयार करेंगे, जिसको अगली बैठक में अंतिम रूप देते हुये स्वीकृति हेतु शासन को भेजा जायेगा। उन्होंने कहा कि अक्सर देखने में आया है कि विश्वविद्यालयों में प्रवेश की प्रक्रिया से लेकर परीक्षा के आयोजन का कार्य महीनों चलता रहा है जिससे छात्र-छात्राओं की परीक्षाएं समय पर नहीं हो पाती है तथा परिणाम घोषित करने में भी देरी होती है। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुये पूरे प्रदेश में समान शैक्षणिक कैलेंडर लागूकर एकरूपता लाना आवश्यक हो गया है।

यह भी पढ़ें -   उत्तराखंडः IAS-PCS में बड़ा फेरबदलः कई जिलों के डीएम बदले, आनंद वर्धन और सचिन कुर्वे से अहम जिम्मेदारियां वापस

डॉ0 रावत ने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों को अपने संबद्ध महाविद्यालयों में 180 दिवस अनिवार्य रूप से कक्षाएं संचालित करनी होगी, छात्र-छात्राओं को पुस्तकालयों में बैठकर अध्ययन करने के लिये प्रेरित करना होगा तथा परीक्षा में बैठने के लिये पूर्व से निर्धारित 75 फीसदी उपस्थित को अनिवार्य रूप से लागू किया जायेगा। विभागीय मंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा को गुणवत्ता एवं रोजगारपरक बनाने के लिये विश्वविद्यालयों एवं सभी महाविद्यालयों को नैक मूल्यांकन कराना आवश्यक है, इसके लिये प्रदेशभर में आधा दर्जन कार्यशालाओं का आयोजन भी किया जा रहा है। डॉ0 रावत ने कहा कि सभी विश्वविद्यालयों में दीक्षांत समारोह की समान वेशभूषा व दीक्षा शपथ एकसमान होगी। एक जैसी दीक्षा शपथ के लिये संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 देवेन्द्र शास्त्री की अध्यक्षता में एक समिति गठित की गई है जो दीक्षा शपथ का ड्राफ्ट व वेशभूषा तय कर शासन को उपलब्ध करायेंगे।

यह भी पढ़ें -   साल का सबसे लंबा दिन 21 जून को करें ये विशेष उपाय

बैठक में सचिव उच्च शिक्षा ने कहा कि नवीन शैक्षिक सत्र से सभी विश्वविद्यालयों एवं महाविद्यालयों में छात्र-छात्राओं के प्रवेश समर्थ पोर्टल से अनिवार्य रूप से किये जायेंगे। एकेडमिक गतिविधियों के साथ ही शोध कार्यों एवं कौशल विकास संबंधी पाठ्यक्रमों को वरियता दी जायेगी।
बैठक में सचिव उच्च शिक्षा शैलेश बगोली, सचिव संस्कृत शिक्षा चन्द्रेश यादव, निदेशक उच्च शिक्षा प्रो0 जगदीश प्रसाद, सलाहकार रूसा प्रो0 एमएसएम रावत समस्त राजकीय विश्वविद्यालयों के कुलपति, कुलसचिव एवं परीक्षा नियंत्रक सहित विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।

Ad Ad Ad

सबसे पहले ख़बरें पाने के लिए -

👉 हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें

👉 फेसबुक पर जुड़ने हेतु पेज़ लाइक करें

👉 यूट्यूब चैनल सबस्क्राइब करें

हमसे संपर्क करने/विज्ञापन देने हेतु संपर्क करें - +91 70170 85440