समाचार सच, हल्द्वानी। गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय एवं भारतीय हिंदी प्राध्यापक परिषद के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय हिंदी संगोष्ठी का उद्घाटन समारोह शुक्रवार को विश्वविद्यालय परिसर में सम्पन्न हुआ। इस कार्यक्रम में देशभर से आए हिंदी प्राध्यापकों, शोधार्थियों और साहित्यकारों ने उत्साहपूर्ण सहभागिता की।
संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. राणा प्रताप सिंह ने कहा कि “हिंदी साहित्य ने स्वाधीनता संग्राम को शब्दों, विचारों और संघर्ष की लौ से निरंतर प्रज्वलित रखा है। यह साहित्य समाज को दिशा देने वाली सृजनात्मक शक्ति है।” उन्होंने हिंदी साहित्य के ऐतिहासिक योगदान और समाज परिवर्तन में उसकी भूमिका पर विस्तृत रूप से चर्चा की।
कार्यक्रम के दौरान उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. नवीनचंद्र लोहनी को क्षेत्रीय कवियों और साहित्य के संवर्धन में महत्वपूर्ण योगदान हेतु ‘सारस्वत सम्मान’ से सम्मानित किया गया। उनके सम्मान से उत्तराखंड के साहित्यिक जगत में हर्ष और गर्व की अनुभूति देखी गई।
संगोष्ठी के इस सत्र ने न केवल हिंदी भाषा और साहित्य के महत्व को रेखांकित किया, बल्कि विभिन्न राज्यों से आए साहित्यकारों को एक साझा मंच भी प्रदान किया।

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