समाचार सच, हल्द्वानी। महानगर में प्रतिबंधित पशु अवशेष मिलने के बाद भड़के तनाव और सोशल मीडिया विवाद में गिरफ्तार हुए हिंदूवादी नेता विपिन पांडे अब जेल से बाहर आ चुके हैं। कोर्ट से राहत मिलने के बाद जैसे ही वह जेल के बाहर आए, उन्होंने ऐसा एलान कर दिया जिसने कालाढूंगी की राजनीति का तापमान अचानक बढ़ा दिया।
विपिन पांडे ने समर्थकों के बीच खड़े होकर साफ कहा कि “वह 2027 का विधानसभा चुनाव कालाढूंगी से ही लड़ूंगा… चाहे कुछ भी हो, मैं रुकने वाला नहीं हूं।
उनका यह बयान सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक गलियारों तक चर्चा का सबसे गर्म मुद्दा बन चुका है। यही वह सीट है जहां वर्तमान में भाजपा के वरिष्ठ नेता बंशीधर भगत लंबे समय से मजबूत पकड़ बनाए हुए हैं. ऐसे में पांडे का सीधा चुनावी ऐलान आगामी समय में बड़ा राजनीतिक टकराव खड़ा कर सकता है।
कैसे शुरू हुआ पूरा मामला?
16 नवंबर को हल्द्वानी के उजाला नगर क्षेत्र में प्रतिबंधित पशु के अवशेष मिले थे, जिसके बाद स्थानीय लोग भड़क उठे. विरोध प्रदर्शन की आड़ में उपद्रवी तत्वों ने कुछ दुकानों में तोड़फोड़ कर दी. माहौल बिगड़ता देख पुलिस को बल प्रयोग कर स्थिति संभालनी पड़ी।
इसके बाद पुलिस ने 40-50 अज्ञात व्यक्तियों पर मामले दर्ज किए. जांच के दौरान सोशल मीडिया पर आपत्तिजनक पोस्ट सामने आईं, जिनमें तीन हिंदूवादी नेताओं के नाम आए. इन्हीं पोस्ट के आधार पर 20 नवंबर को पुलिस ने विपिन पांडे को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया और उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।
जमानत के बाद बढ़ा राजनीतिक तापमान
कानूनी टीम के तर्कों के बाद कोर्ट ने उन्हें अंतरिम जमानत दे दी। जेल से निकलते ही पांडे ने न सिर्फ खुद को ष्हिंदू समाज का मुखर चेहराष् बताया, बल्कि अगला विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान भी कर दिया।
उनकी यह घोषणा कालाढूंगी क्षेत्र में नई राजनीतिक हलचल लेकर आई है. समर्थक इसे नए नेतृत्व के उभरने के रूप में देख रहे हैं, जबकि राजनीतिक जानकार इसे आने वाले समय का बड़ा सियासी मुकाबला मान रहे हैं।

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