पांच साल में एक बार आता है ये त्योहार.
राजा रंक सभी को मिलता एक जैसा अधिकार .
हरेक वोट की क़ीमत है इनसे बनती सरकार.
आओ डालें वोट बनाएं एक अच्छी सरकार.
सब तो डाल रहे हैं मैं ना डालूँ भी तो क्या है.
कोई जीते कोई हारे हमको इससे क्या है.
ऐसी बात ना सोचो ऐसी बातेँ हैं बेकार.
आओ डालें वोट बनाएँ एक अच्छी सरकार.
संविधान ने हमको कई कई अधिकार दिए हैं .
उस किताब में सबके कुछ कर्त्तव्य भी लिखे गए हैं .
है मतदान प्रथम तुम फर्ज कहो या फिर अधिकार.
आओ डालें वोट बनाएं एक अच्छी सरकार.
आजादी की खातिर लाखों वीर लड़े थे मरे थे.
एक दिन होगा लोकतन्त्र य़ह सपना लिये मरे थे.
वोट भी तुम ना डाल सको तो है तुमको धिक्कार.
आओ डालें वोट बनाएँ एक अच्छी सरकार.
जात पात में बांटेंगे मजहब की कसम खिलाएंगे .
पैसे का लालच देंगे कुछ दारू भी पिलवाएंगे.
हुआ जहाँ मतदान तुम्हारी नहीं कोई दरकार.
जात-पात लालच को छोड़ो और बनो खुद्दार.
अपने क्षेत्र के प्रत्याशी को जांचो और पहचानो.
भ्रष्ट है य़ह या सत्यनिष्ठ है ठीक से तुम य़ह जानो.
देश प्रथम है उसके लिये या है अपना परिवार.
आओ डालें वोट बनाएँ एक अच्छी सरकार.
हरेक वोट की क़ीमत है इनसे बनती सरकार.
आओ डालें वोट बनाएँ एक अच्छी सरकार.
-डॉ आशुतोष पन्त
पूर्व जिला आयुर्वेद अधिकारी/पर्यावरण कार्यकर्ता, हल्द्वानी.
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