समाचार सच, अध्यात्म डेस्क। होली का पर्व हर साल फाल्गुन मास की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है। फाल्गुल पूर्णिमा के दिन होलिका दहन होता है। अगले दिन चौत्र कृष्ण प्रतिपदा को लोग रंगोत्सव मनाते है। इस वर्ष होली पर तिथियों को लेकर उलझन है। जहां हिंदू पंचांग होली की डेट 18 मार्च बता रहे हैं। वहीं इंटरनेट पर 19 मार्च दिखा रहा है। आइए जानते हैं होलिक दबन और धुलेंडी कब है।


होली 2022 मुहूर्त
हिंदू पंचांग की गणना के अनुसार होलिका दहन 17 मार्च गुरुवार के दिन होगा। रंगों की होली 18 मार्च शुक्रवार को खेली जाएगी। इस साल फाल्गुन पूर्णिमा तिथि का प्रारंभ 17 मार्च को दोपहर 01 बजकर 30 मिनट पर होगा। पूर्णिमा तिथि 18 मार्च को दोपहर 12 बजकर 48 मिनट पर समाप्त होगी।
होलिका दहन का नियम धर्म ग्रंथों अनुसार
धर्मसिंधु नामक ग्रंथ में बताया गया है कि होलिका दहन पूर्णिमा तिथि में भद्रा रहित काल में करना चाहिए। अगर प्रदोष काल में भद्रो हो व निशीथ काल से पहले भद्रा समाप्त हो रही है। तब मध्य रात्रि से पहले होलिका दहन कर लेना चाहिए। यह नियम इस वर्ष लागू नहीं हो रहा है।
प्रदोष काल में होलिका दहन करना सही
इस वर्ष 17 तारीख को प्रदोष काल में भद्रा है। मध्य राशि में भी भद्रा का साया रहेगा। अगले दिन प्रदोष काल से पहले ही पूर्णिमा समाप्त होगी। धर्म सिंधु के नियम के अनुसार जिस दिन प्रदोष काल में पूर्णिमा हो उस दिन भद्रा मुख काल को छोड़कर होलिना दहन करना चाहिए। इस नियम के अनुसार ही इस वर्ष होलिका दहन किया जाएगा। 17 मार्च को शाम 06 बजकर 33 मिनट से रात्रि 08 बजकर 58 मिनट के दौरान प्रदोष काल में होलिका दहन करना उत्तम रहेगा। इस समय भद्रा का साया नहीं है। इस नियम के अनुसार होलिका दहन 17 मार्च और होली का त्योहार 18 मार्च को मनाया जाएगा।
(इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें।)




सबसे पहले ख़बरें पाने के लिए -
👉 हमारे व्हाट्सएप ग्रुप से जुड़ें
👉 फेसबुक पर जुड़ने हेतु पेज़ लाइक करें
👉 यूट्यूब चैनल सबस्क्राइब करें
हमसे संपर्क करने/विज्ञापन देने हेतु संपर्क करें - +91 70170 85440