
समाचार सच, यूपी/हाथरस। उत्तर प्रदेश के हाथरस स्थित रतिभानपुर में सत्संग के दौरान भगदड़ मच गई भगदड़ मचने से 100 से ज्यादा लोगों की मौत की आशंका है। जबकि 200 से अधिक घायल होने की सूचना है। जिला अधिकारी ने अब तक 60 लोगों की मौत की पुष्टि कर दी है। हादसे में मरने वालों में ज्यादातर महिलाएं और बच्चे शामिल हैं। Major accident during conclusion of satsang in Hathras


इस हादसे पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय ने जिला प्रशासन को घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर उनके उपचार कराने और मौके पर राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने एडीजी आगरा और कमिश्नर अलीगढ़ के नेतृत्व में घटना के कारणों की जांच के निर्देश दिए हैं। सीएम योगी के निर्देश के बाद सरकार के दो वरिष्ठ मंत्री और मुख्य सचिव के साथ डीजीपी भी घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं।
हाथरस के डीएम आशीष कुमार के अनुसार, एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान भगदड़ से लगभग 50-60 लोगों की मौत हो गई है। ये एक निजी कार्यक्रम था, जिसके लिए आयोजकों ने एसडीएम से अनुमति ली थी। वहीं, सीएचसी का कहना है कि इस घटना में मरने वालों की संख्या बढ़कर 50-60 हो गई है। मरने वालों का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है।
सत्संग पर आयोजन समिति से जुड़े महेश चंद्र ने आजतक से फोन पर हुई बातचीत में कहा कि हमने जिला प्रशासन से अनुमति लेकर कार्यक्रम कराया था। कार्यक्रम में एक लाख से अधिक श्रद्धालु आयोजन मौजूद थे. जब कार्यकम खत्म हुआ तब भगदड़ मच गई। ये हादसा प्रशासन की कमजोरी की वजह से हुआ है। कार्यक्रम खत्म होने के बाद कीचड़ में लोग एक के ऊपर एक गिरते रहे, कोई संभालने वाला नहीं था। मैं भंडारे का काम देख रहा था।
उन्होंने बताया कि हाथरस में ये कार्यक्रम 13 साल बाद हुआ है। हमारे पास 3 घंटे की परमिशन थी। 1.30 बजे कार्यक्रम खत्म होने के बाद घटना हुई है। प्रशासन को अनगिनत श्रद्धालुओं के कार्यक्रम में आने की जानकारी दी गई थी। जहां इंतजाम किए गए थे, वहां बहुत भीड़ थी। कार्यक्रम में 12 से साढ़े 12 हजार सेवादार थे. हमने इतने स्तर पर पूरे इंतजाम किए थे. एंबुलेंस नहीं थी। कार्यक्रम खत्म हुआ तो एक साथ भागने लगे और भगदड़ मची। बरसात के मौसम में कीचड़ की वजह से लोग एक-दूसरे पर गिरने लगे थे।
एटा के एसएसपी राजेश कुमार सिंह का कहना है कि हाथरस जिले के मुगलगढ़ी गांव में एक धार्मिक कार्यक्रम चल रहा था, तभी भगदड़ मच गई। एटा अस्पताल में कई लोगों के शव पहुंच चुके हैं, जिनमें महिलाएं, बच्चे और व्यक्ति के शव शामिल हैं. अभी तक कोई भी घायल अस्पताल नहीं पहुंचा हैं। इन सभी शवों की पहचान की जा रही है। इस घटना के कारणों की जांच के लिए एडीजी आगरा और अलीगढ़ कमिश्नर की एक टीम गठित की गई है।
एटा के मेडिकल कॉलेज के जिला चिकित्सा अधिकारी ने बताया कि सिकंदराराऊ के पास एक सत्संग या महोत्सव चल रहा था। इसी दौरान वहां भगदड़ मच गई. इस हादसे में कई लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है। मरने वालों में महिलाओं और पुरुष शामिल हैं। सीएमओ का कहना है कि मरने वालों का आंकड़ा अभी और बढ़ सकता है, क्योंकि लगातार घायल लोग अस्पताल ला जा रहे हैं।
इस घटना पर संज्ञान लेते हुए मुख्यमंत्री ऑफिस ने जिला प्रशासन के अधिकारियों को घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर उनके समुचित उपचार कराने और मौके पर राहत कार्य में तेजी लाने का निर्देश दिया है। उन्होंने एडीजी आगरा और कमिश्नर अलीगढ़ के नेतृत्व में घटना के कारणों की जांच के निर्देश दिए हैं। वहीं, मुख्यमंत्री के निर्देशों के बाद सरकार के दो वरिष्ठ मंत्री लक्ष्मी नारायण, संदीप सिंह, मुख्य सचिव के साथ डीजीपी भी घटनास्थल के लिए रवाना हो गए हैं।
एक महिला ने बताया कि हम दर्शन करने आए थे. बहुत भीड़ थी। जब भगदड़ मची तो मैं और मेरा बच्चा भी भीड़ के नीचे आ गया। अपनी घायल मां के साथ अस्पताल पहुंची एक युवती ने बताया कि सत्संग खत्म होने के बाद भगदड़ मच गई। हम लोग खेत के ओर से निकल रहे थे, तभी अचानक भीड़ ने धक्का-मुक्की शुरू कर दी, जिससे कई लोगों नीचे दब गए। हमारे साथ एक और शख्स आए थे. उनकी मौत हो गई है।


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