आयुष मंत्रालय के अनुसार रोज करें अनुलोम विलोम, तन से लेकर मन तक के लिए फायदेमंद

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समाचार सच, स्वास्थ्य डेस्क। अनुलोम विलोम न केवल फिजिकली बल्कि मेंटली समस्याओं को भी बाय-बाय किया जा सकता है। भारत सरकार के आयुष मंत्रालय के अनुसार, अनुलोम विलोम बेहद फायदेमंद होता है। यह मन को शांत करता है, ध्यान को तेज करता है और चिंता को कम करता है। इसके लिए शांत होकर सांस लें और स्ट्रेस को बाहर निकालें।

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प्राचीन योगिक ब्रीदिंग टेक्निक
अनुलोम विलोम एक प्राचीन योगिक ब्रीदिंग टेक्निक (प्राणायाम) है, जिसे नाड़ी शोधन प्राणायाम भी कहा जाता है, जिसमें दाएं और बाएं नथुने से बारी-बारी से सांस ली और छोड़ी जाती है। ‘अनुलोम’ का अर्थ है ‘साथ में’ और ‘विलोम’ का अर्थ है ‘विपरीत दिशा में’, जो इस प्रोसेस को दर्शाता है जिसमें सांस को एक नथुने से लिया जाता है और दूसरे से छोड़ा जाता है।

अनुलोम विलोम कैसे करना चाहिए
योग ट्रेनर बताते हैं कि अनुलोम विलोम कैसे करना चाहिए। इसके लिए आसन पर शांत और खुली जगह पर बैठ जाएं। आरामदायक ध्यान मुद्रा में बैठें और रीढ़ को सीधा रखें. इसके बाद आंखें बंद कर लें और बायीं नाक से श्वास लें, दाहिनी नाक से सांस छोड़ें और इसे कई बार दोहराएं।

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मेंटल हेल्थ के लिए बेहतर
ब्रेन के दोनों हेमिस्फीयर को बैलेंस करता है, नर्वस सिस्टम को शांत करता है, चिंता से राहत दिलाता है। रोजाना 5-10 मिनट अनुलोम-विलोम करने से दिमाग शांत होता है। मेंटल हेल्थ भी बेहतर होता है। इससे एकाग्रता और मेमोरी में सुधार होता है और एंग्जायटी, स्ट्रेस से भी राहत मिलती है।

ब्लड प्रेशर में फायदेमंद
हेल्थ एक्सपर्ट बताते हैं कि रोजाना 5-10 मिनट अनुलोम-विलोम करने से ब्लड प्रेशर कंट्रोल होता है। चेहरे पर निखार आता है। अगर आपको नींद अच्छे से नहीं आती है, हमेशा शरीर में थकान बनी रहती है और दिमाग भी शांत नहीं रहता है, तो यह बेहद फायदेमंद है. इसे करने से शरीर में एनर्जी आती है और फेफड़े भी हेल्दी रहते हैं।

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फिजिकल और मेंटल के लिए फायदेमंद
अनुलोम विलोम एक आसान और असरदार प्राणायाम है जो फिजिकल और मेंटल हेल्थ को बेहतर बनाता है। इसे रोजाना करने से न केवल फिजिकल हेल्थ सुधरता है, बल्कि मन की शांति और कंसंट्रेशन भी बढ़ती है. हालांकि, इसे करने में कुछ लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए।

इन लोगों को नहीं करना चाहिए
इसे शांत और जगह पर करें, प्रेगनेंसी, हार्ट के मरीज या हाई ब्लडप्रेशर वाले लोग इसे योग एक्सपर्ट की सलाह के बाद ही इसे करें। एक्सपर्ट के अनुसार खाने के तुरंत बाद इसे नहीं करना चाहिए। 3-4 घंटे का अंतर रखना चाहिए। अनुलोम विलोम के दौरान सांस को जबरदस्ती नहीं रोकना चाहिए, इसे सहज रखना चाहिए।

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